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Faridabad NCR

4 बेटों के होते हुए भी घर में दवा पानी के लिए तरस रहे 65 वर्षीय बुजुर्ग की पुलिस ने ली सुध

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Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : आपने अक्सर सुना होगा कि पुलिस वालों में दया भाव नहीं होता। वह हर किसी के साथ दुर्व्यवहार करते हैं।
लेकिन पुलिस का एक दूसरा चेहरा भी है जो आमतौर पर जनता को नजर नहीं आता। पुलिस चुपचाप अपना काम करती रहती है परंतु पुलिस के अच्छे कार्यों का जितना क्रेडिट उन्हें मिलना चाहिए वह मिल नहीं पाता। पुलिस द्वारा किए गए अच्छे कार्य किसी को नजर नहीं आते परंतु यदि कोई पुलिसकर्मी एक छोटी सी गलती भी कर दे तो लोगों के मन में पुलिस विभाग की छवि बहुत जल्दी नाकारात्मक हो जाती है।
पुलिस प्रवक्ता सूबे सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस विभाग में एक से एक शानदार ऑफिसर हैं जिन्हें अपने समाज के लोगों की परवाह भी है और वह उनकी भावनाओं की कदर भी करते हैं और समाज में भलाई के कार्यों में सक्रिय तौर पर हिस्सा लेते हैं।
अभी 2 दिन पहले की ही बात है फरीदाबाद के इंदिरा नगर में रहने वाले 65 वर्षीय रमनबाबूजी की तबीयत खराब हो गई। उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। रमन जी का भरा पूरा परिवार है, उनके चार बेटे हैं लेकिन मौका पड़ने पर कोई भी उनके काम नहीं आया। उनके बच्चे उन्हें दवाई तक भी लाकर नहीं दे रहे थे और आखिर में जाकर पुलिस विभाग ही उनके काम आया जो पूरे समाज को अपने परिवार का सदस्य समझते हैं। पुलिस ही थी जिन्होंने जाकर बुजुर्ग को संभाला और उनकी दवा पानी की व्यवस्था की।
बुजुर्ग  ने जब अपने बच्चों से उम्मीद छोड़ दी तो उन्होंने मदद के लिए पुलिस की आवाज संस्था के लिए काम करने वाले दीपक झा को अपनी समस्या बताई जिन्होंने थाना प्रभारी सेक्टर 7 इंस्पेक्टर नवीन को इसके बारे में बताया। इंस्पेक्टर नवीन को जैसे ही बुजुर्ग की हालत के बारे में जानकारी मिली तो उन्होंने पुलिस चौकी सेक्टर 7 इंचार्ज को तुरंत फोन करके जल्द से जल्द बुजुर्ग की सहायता करने के निर्देश दिए जिसके पश्चात चौकी प्रभारी अश्वनी कुमार ने सूचना मिलने के मात्र 20 मिनट में जाकर बुजुर्ग की सुध ली और उन्हें आवश्यक दवाइयां उपलब्ध करवाई। अब रमन बाबूजी की हालत पहले से बेहतर हैं।
ऐसे किस्से आपको अक्सर सुनने को मिलते हैं लेकिन पुलिस की अच्छाई को लोग बहुत जल्दी भूल जाते हैं। अभी कोरोना काल की ही बात ले लीजिए जिसमें पुलिस ने अपने कर्तव्यों से कहीं ज्यादा बढ़कर लोगों की मदद की थी परंतु एक छोटी सी बात पर लोग पूरे पुलिस विभाग को गाली देना शुरू कर देते हैं जोकि लोगों की विकार मानसिकता को प्रस्तुत करता है। ओर किसी के बारे में तो हम नहीं कह सकते लेकिन रमनबाबूजी पुलिस विभाग के सभी कर्मचारियों का आभार व्यक्त करते हुए उन्हें धन्यवाद किया, दुआएं दी।
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