Faridabad NCR
श्री लक्ष्मीनारायण दिव्यधाम (श्री सिद्धदाता आश्रम) के संस्थापक स्वामी सुदर्शनाचार्य की जयंती पर देश विदेश से जुटे भक्तगण
Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : सूरजकुंड रोड स्थित श्री लक्ष्मीनारायण दिव्यधाम (श्री सिद्धदाता आश्रम) के संस्थापक वैकुंठवासी स्वामी सुदर्शनाचार्य जी महाराज की जयंती आनन्दोत्सव के अवसर पर देश विदेश से बड़ी संख्या में भक्तगण जुटे।
इस अवसर पर अधिपति अनंतश्री विभूषित इंद्रप्रस्थ एवं हरियाणा पीठाधीश्वर श्रीमद् जगदगुरु रामानुजाचार्य स्वामी श्री पुरुषोत्तमाचार्य जी महाराज ने कहा कि इस मृत्युलोक का अपना विधान है, साथ ही आप और हम पिछले जन्मों के प्रारब्ध भी लेकर आए हैं। इनको भोगना ही होगा लेकिन गुरु के बताए मार्ग पर चलोगे तो इन भोगों के बीच भी बचे रहोगे। कष्ट होंगे लेकिन उनकी अनुभूति सकारात्मक हो जाएगी। उन्होंने भाष्यकार रामानुज के उदाहरण के द्वारा समझाया कि भगवान भी खुद से अधिक आचार्य यानि गुरु को महत्व देते हैं। उन्होंने बताया कि रामानुज स्वामी ने भगवान से वचन लिया है कि जो भी भगवान का नाम लेगा, भगवान उसे मुक्ति प्रदान अवश्य ही करेंगे।
स्वामीजी ने कहा कि इसी प्रकार हमारे गुरुमहाराज स्वामी सुदर्शनाचार्य जी महाराज ने भी अपने इष्ट से यह वचन लेने के बाद ही श्री लक्ष्मीनारायण दिव्यधाम की स्थापना की कि वह यहां आस्था विश्वास के साथ आने वालों को धर्म अर्थ काम और मोक्ष प्रदान करेंगे। इसीलिए इस आश्रम का नाम सिद्धदाता आश्रम रखा गया जो कि सिद्धों को भी सिद्धि प्रदान करने वाला है।
इससे पहले वैकुंठवासी स्वामी सुदर्शनाचार्य जी महाराज के दिव्य विग्रह का अभिषेक किया गया। उनके समाधि स्थल पर पूजन हुआ। श्री गुरु महाराज की शोभायात्रा में सैकड़ों की संख्या में महिलाएं कलश लेकर शामिल हुईं। सभी भक्तों को प्रसाद एवं आशीर्वाद प्राप्त हुआ। वहीं जयपुर से आए गायक लोकेश शर्मा ने अपने भजनों से आनन्दोत्सव का माहौल बना दिया और दिल्ली से आई नृत्य मंडली मधुबन आट्र्स ने भी बहुत शानदार प्रस्तुतियां दीं।