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Chandigarh

भोले के भक्त यमराज से भी नही डरते सरकार से क्या डरेंगे : नवीन जयहिन्द

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Chandigarh Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : शनिवार को चंडीगढ़ में प्रेसवार्ता को सम्बोधित करते हुए नवीन जयहिन्द ने उनकी नशे के खिलाफ निकली गई “भाईचारा –कावड़ यात्रा” पर हुए साढ़े 3 साल पुराने केस के साथ अपने ऊपर हुए केसों की लम्बी फेरहिस्त गिनाते हुए बताया कि यह कोई पहला मामला नही है जब सरकार उनसे खफा है, इससे पहले कई केस उन पर हो चुके है। सरकार से सीधी टक्कर लेने में वो कभी नही झिझकते। इससे पहले अन्ना आन्दोलन में भी प्रधानमन्त्री में आवास का घेराव करने व् प्रधानमन्त्री में आवास में घुसने को लेकर उनपर केस चल रहा है। उसके बाद आरटीआई कानून को लेकर राष्ट्रपति भवन में घुसने को लेकर केस दर्ज हुआ। हालाँकि इस मामले में वे राष्ट्रपति से मुलाकात करना चाहते थे और आरटीआई पर अपना पक्ष रखना चाहते थे कि किस तरह से राजनीतिक पार्टियाँ आरटीआई कानून से बचाना चाहती है। उसके बाद गायों के संरक्षण के लिए “खूंटा –गाड़” अभियान चलाया गया था। उस समय के वित्त मंत्री कैप्टेन अभिमन्यु के आवास पर सिर्फ गाय बाँधने को लेकर उनपर केस दर्ज कर दिया गया।
हालाँकि बीजेपी सरकार अपने आप को गायों का हितैषी मानती है, लेकिन नवीन जयहिन्द का कैप्टेन अभिमन्यु के आवास पर गाय बांधना रास नही आया और उनकी केसों की लिस्ट में एक और इजाफ़ा हो गया।
उसके बाद वर्तमान गृहमंत्री अमितशाह के हरियाणा दौरे पर उनको काले झंडे दिखाना व् रास्ता रोकने के आरोप में नवीन जयहिन्द का नाम शामिल किया गया। वही उनके कार्यक्रम स्थल पर मरे हुए सांड को डालने के आरोप में भी नवीन जयहिन्द का नाम शामिल है।
नवीन जयहिन्द ने प्रेसवार्ता में कहा कि जब वे 17 साल के थे तब पुलिस ने उन्हें थाने में बैठाया गया था। छात्रकाल के दौरान भी यूनिवर्सिटी में दो केस दर्ज हुए थे जिनमे वे बरी हो चुके है। सरकार जिस तरह से उनके पुराने केसों की फाइल खंगाल रही है उससे तो लगता है की सैकड़ों सम्मन आने अभी बाकी है। क्योकि अब पे 40 साल के है और 20 साल के आंदोलनकारी जीवन में वे अब तक एक हजार प्रदर्शन सरकार के खिलाफ कर चुके है।
जयहिन्द ने आगे कहा कि अब तक जितने भी केस हुए है न तो उनसे वे डरते है और अगर हजार केस और हो जाये न उनसे डरेंगे। सरकार खुलकर जितने भी केस है सभी केसों की फाइल खोल दे, वे हाजिर है, वो चोर नही आंदोलनकारी है और आंदोलनकारी रहते हुए उन्होंने पुलिस व् प्रशासन की लाठियां व् पानी की बौछारे व् आंसू गैस के गोले तक सहें है तो थाने में पेश होना कौनसी बड़ी बात है। अगर सरकार जनता आवाज उठाने को गुंडागर्दी समझती है तो सबसे पहले उन्हें जेल में डाले।
नवीन जयहिन्द ने अपने सभी केसों को लेकर सरकार से फ़ास्टट्रक कोर्ट में ले जाने की भी बात कही, जिससे सरकार व् पुलिस दोनों का समय बचे। उसके बाद माननीय कोर्ट का जो भी आदेश हो वो उन्हें मंजूर होगा। अगर समाज व् भाईचारे के लिए उन्हें जेल भी जाना पड़े तो पीछे नही हटेंगे। लेकिन सरकार कावड़ियों व् कार्यकर्ताओं को परेशान करने जैसे औच्छे हथकंडे न अपनाये। वे भोले के भगत है भगोड़े नही और भोले के भक्त तो यमराज से भी नही डरते तो सरकार से कैसे डरेंगे।
इस अवसर पर विशाल खुब्बर, सुमित हिन्दुस्तानी, अमरपाल आर्य, राजकुमार पहल, प्रवीन हुड्डा, जोहार गोयल, अजय गुप्ता सहित अन्य मोजूद रहें।

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