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Faridabad NCR

फरीदाबाद के अमृता अस्पताल के डॉक्टरों ने पावर ड्रिल से कटे हुए व्यक्ति के अंगूठे को दोबारा जोड़ दिया

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Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 06 दिसंबर। अमृता हॉस्पिटल फरीदाबाद में विशेषज्ञों की टीम द्वारा एक 27 वर्षीय व्यक्ति का बायां अंगूठा सफलतापूर्वक ऑपरेशन कर इसे फिर से हाथ में जोड़ दिया गया। दरअसल इस व्यक्ति का अंगूठा काम करते वक़्त ड्रिलिंग दुर्घटना में अलग हो गया था।

मरीज  फरीदाबाद की एक उपकरण निर्माण कंपनी में एक औद्योगिक ड्रिल ऑपरेटर है। ये घटना तब की है जब मरीज रोज की तरह अपनी ड्यूटी पर गया था, उसने एक दस्ताना पहन रखा था, जोकि चलती हुई ड्रिल मशीन में उलझ गया। ड्रिल ने पूरी ताकत से दस्ताने को खींचा, जिसके साथ अंगूठा भी उस ड्रिल मशीन में आ गया। मरीज अपना अंगूठा वापस लगावाने के लिए कई अस्पतालों में गए, लेकिन हर जगह से उन्हें निराशा ही हाथ लगी। दूसरे अस्पतालों के डॉक्टरों ने मरीज को ये कहकर मना कर दिया की सर्जरी बहुत जटिल और दुर्लभ है और उनके पास सर्जरी लायक अनुभव नहीं है। इसके बाद मरीज फरीदाबाद के अमृता अस्पताल पहुंचे।

सर्जरी का नेतृत्व करने वाले अमृता हॉस्पिटल, फरीदाबाद के प्लास्टिक एंड रिकंस्ट्रक्टिव सर्जरी के प्रमुख डॉ. मोहित शर्मा ने कहा, “हमारे पास मरीज अपने कटे हुए बाएं अंगूठे के साथ आया था। अंगूठे का विच्छेद जटिल होने की वजह से सर्जरी काफी चुनौतीपूर्ण रही। यह एक ऐसे अंगूठे के विच्छेदन का मामला था, जिसमें सभी टेंडन, आर्टरीज, नसें और तंत्रिकाएं बाहर निकल गई थीं। यह एक क्लियर कट नहीं था, इसलिए अंगूठे को वापस लगाना बहुत मुश्किल था। लेकिन हमने इसे एक चुनौती के रूप में लिया। अमृता अस्पताल, कोच्ची में हाथ का प्रत्यारोपण कर हम इस क्षेत्र में सबसे आगे हैं और इस क्षेत्र में हमारे पास लंबा अनुभव है।”

अस्पताल पहुंचने के तुरंत बाद बिना समय बर्बाद किए मरीज को जल्दी से ऑपरेशन थिएटर ले जाया गया, जहां 10 घंटे तक चली सर्जरी में अंगूठे को सही जगह पर पहले की तरह जोड़ दिया गया। डॉ. मोहित शर्मा ने कहा, “अंगूठे को दोबारा जोड़ना सबसे चुनौतीपूर्ण और जटिल पुनर्निर्माण सर्जरी में से एक है। मरीज के अंगूठे को एक ड्रिलिंग मशीन ने काट दिया, जिसकी वजह से 20 सेमी तक सभी शारीरिक सरंचनाएं क्षतिग्रस्त हो गईं। आर्टरीज और नसों को सबसे ज्यादा क्षति पहुंची। एक स्वस्थ संरचना बनाने, रक्त परिसंचरण को बहाल करने और अंत से अंत तक जोड़ने के लिए नसों के बीच कई ग्राफ्ट लगाए गए थे।”

डॉक्टर ने आगे कहा, “मरीज के अंगूठे की हड्डी को फ्रैक्चर को ठीक करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले किरश्चनेर तारों की मदद से जोड़ा गया है। एक बार उसके अंगूठे की हड्डी 6-8 हफ्ते में ठीक हो जाये, उसके बाद इस तार को निकल दिया जाएगा और समय के साथ मरीज का अंगूठा पहले की तरह काम करने लगेगा। यह सर्जरी मरीज के लिए बहुत जरूरी थी, क्योंकि किसी व्यक्ति के हाथ की गतिविधियों में 40% अंगूठे का योगदान होता है। यदि अंगूठा नहीं लगाया जाता तो मरीज को अपना बाकी का जीवन अपने हाथ के सही उपयोग के बिना ही जीना पड़ता। जिसकी वजह से उसके रोजमर्रा के कामों को करने में मुश्किल होती। घाव के पूरी तरह ठीक होने तक उसकी सही देखभाल की जरूरत है। हम मरीज के जल्द ठीक होने की कामना करते हैं, और आशा है कि उनका अंगूठा कुछ ही महीनों में पहले जैसा काम करने लगेगा।”

मरीज दो बच्चों के पिता और घर में अकेले कमाने वाले हैं। मरीज ने कहा, “जब मैंने अपना अंगूठा खो दिया तो मैं पूरी तरह से टूट गया था। और मैं ये दुख सहन नहीं कर पा रहा था कि मुझे अपना बाकी का जीवन अपने बाएं हाथ के पूरी तरह से काम किए बिना ही गुजरना पड़ेगा। मेरे काम में हाथों की निपुणता जरूरी होती है, अंगूठे के बिना मुझे मेरा काम जारी रखना मुश्किल होता। जब मुझे कई अस्पतालों से वापस भेज दिया गया तो मैंने उम्मीद खो दी थी। मैं अमृता अस्पताल के डॉक्टरों को इस सर्जरी और मुझे पूरी तरह कार्यात्मक हाथ वापस देने के लिए धन्यवाद देता हूं।”

यह सर्जरी फरीदाबाद के अमृता हॉस्पिटल के सर्जन डॉ मोहित शर्मा और दो अन्य सर्जन डॉ. वसुंधरा जैन और डॉ. देवज्योति ग्विन के साथ मिलकर की है।

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