Faridabad NCR
डीपीएसजी सोसाइटी ने किया शिक्षकों को सम्मानित
Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : डॉ. राधाकृष्णन सर्वपल्ली के प्रति सम्मान और श्रद्धा प्रकट करने के लिए पूरे देश में शिक्षक दिवस मनाया गया। डीपीएसजी सोसाइटी ने भी 5 सितम्बर 2022 को डीपीएसजी फरीदाबाद विद्यालय में अपने शिक्षकों के साथ बड़े उल्लास और उत्साह के साथ शिक्षक दिवस मनाया। शिक्षा के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान देने के लिए शिक्षकों को सम्मानित किया। डीपीएसजीएस संस्था ने तीन राज्यों के डीपीएसजी स्कूलों के 650 शिक्षकों के साथ शिक्षक दिवस मनाया। डीपीएसजीएस संस्था निरंतर उत्तम शिक्षा लक्ष्यों को प्राप्त करते हुए आगे बढ़ रही है और यह लक्ष्य शिक्षकों के सहयोग के बिना पूरा नहीं हो सकते है। प्रिंसिपल डीपीएसजी सुशांत लोक, श्रीमती मीनू चोपड़ा ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी गणमान्य अतिथियों का स्वागत किया। मुख्यातिथि द्वारा दीप प्रज्ज्वलन कर शिक्षक दिवस समारोह का शुभारम्भ किया गया। श्री एस.एस.गौसाईं राज्य अध्यक्ष एचपीएससी, सुरेश चंद्र अध्यक्ष एचपीएससी, फरीदाबाद निदेशक ग्रैंड कोलंबस, श्री ओम पाठक, अध्यक्ष डीपीएसजी सोसायटी, श्रीमती निहारिका पाठक, वाइस चेयरमैन डीपीएसजी सोसायटी, श्री अंशुल पाठक, निदेशक मानव संसाधन, श्री रोहित पाठक निदेशक शिक्षा और सचिव डीपीएसजी सोसाइटी, एयर वाइस मार्शल एल एन शर्मा, निदेशक-ईआरडी, डॉ शब्दा बिरफानी बेदी सहित अन्य गणमान्य अतिथि इस अवसर पर उपस्थित थे। निदेशक एचआर, श्री रोहित पाठक ने सभी शिक्षकों को बधाई दी और डीपीएसजी स्कूलों के सभी शिक्षकों को उनकी उपलब्धियों और महत्वपूर्ण योगदान के लिए उनकी सराहना की। वाइस चेयरमैन श्री अंशुल पाठक ने भी शिक्षकों द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की, और साथ ही शिक्षकों को छात्रों की बदलती मांगों को पूरा करने के लिए तैयार रहने का आह्वान किया। डीपीएसजी संस्था द्वारा शिक्षण के क्षेत्र में इस प्रकार के अनेक प्रयास किये गए हैं शिक्षकों के प्रयासों का सम्मान करने के लिए शिक्षकों को विभिन्न पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। सेवा के 15 वर्ष समर्पित करने वाले 21 पुरस्कार विजेताओं को रजत पदक और 25 वर्ष पूर्ण करने वाले छह शिक्षकों को समाज के विकास में उनकी विशेष भूमिका के प्रति आभार और प्रशंसा व्यक्त करने के लिए स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया। डीपीएसजी संस्था के चेयरमैन श्री ओम पाठक ने सभी शिक्षकों और दर्शकों को संबोधित किया और सभी की भागीदारी और प्रयासों के लिए सराहना की। श्री पाठक ने अपने संबोधन में कहा कि किसी देश का भविष्य उसके बच्चों के हाथों में होता है। शिक्षक संरक्षक के रूप में, छात्रों के भविष्य को संवारने में अपना योगदान देते है। उन्होंने आधुनिक शिक्षकों की चुनौतियों, कठिनाइयों को भी स्वीकार किया। उन्होंने कहा कि शिक्षण एक पेशा नहीं बल्कि जीवन का एक तरीका है और शिक्षकों से दुनिया भर में हो रहे परिवर्तनों को समझने के लिए कहा ताकि वे नई पीढ़ी को उनका सामना करने के लिए तैयार कर सकें जिससे भारत ‘विश्वगुरु’ का दर्जा हासिल कर सके। उन्होंने शिक्षकों से छात्रों को गंभीर रूप से सोचने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि शिक्षक दृढ़ संकल्प और ईमानदारी के साथ राष्ट्र की नियति का निर्माण कर सकते हैं क्योंकि वे समाज की नींव को मजबूत करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। डीपीएसजी की सभी शाखाओं के शिक्षकों ने इस अवसर पर मनमोहक म्यूजिकल डांस शो प्रस्तुत किया, जिसने सभी दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। ग्रैंड फिनाले के समापन के बाद शिक्षकों के लिए डिनर का आयोजन किया गया।