Nuh Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : “अक्षय ऊर्जा में हाल के रुझान” विषय पर मेवात इंजीनियरिंग कॉलेज नूह द्वारा हरियाणा अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी के सहयोग से की जा रही दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का समापन बुधवार को हो गया।
कार्यशाला में हरेडा महानिदेशक डॉ हनीफ कुरैशी आईपीएस, एचपीजीसीएल व एचवीपीएनएल के प्रबंधक निदेशक व हरियाणा वक्फ बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मोहम्मद शाईन आईएएस विशेष रूप से ऑनलाइन तरीके से प्रतिभागियों के साथ विचार साझा किए।
कार्यशाला में जमिया विश्वविद्यालय के प्रोफेसर माजिद जमील, पूर्व डीन प्रो चक्रवर्ती एनआईटी कुरुक्षेत्र, प्रोफ़ेसर इम्तियाज अशरफ अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, मौलाना आजाद विश्वविद्यालय के सीआईटी विभाग के निदेशक डॉ एम कामिल ने भी अक्षय ऊर्जा में हाल की संभावनाओं पर अपने विचार साझा किए।
हरियाणा वक्फ बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मुहम्मद शाईन आईएएस ने कहा कि ऐसी कार्यशालाएं कॉलेज में खोज को बढ़ावा देंगी, हरियाणा वक्फ बोर्ड हर तरीके के सहयोग के लिए हमेशा तैयार है। उन्होंने कहा कि मेवात इंजीनियरिंग कॉलेज को भविष्य में और अधिक कार्यशालाएं आयोजित करनी चाहिए ताकि अक्षय ऊर्जा व रिसर्च दोनों को बढ़ावा मिले।
हरेडा महानिदेशक डॉ हनीफ कुरैशी आईपीएस ने कहा कि 370 GW जो देश की कुल बिजली उत्पादन है उसका लगभग 20% हिस्सा अक्षय ऊर्जा के स्रोत से बनाया जा रहा है। भारत सरकार की योजना है कि 2030 तक 50% बिजली उत्पादन किया जाय। जिसमें से 100GW सौर उर्जा से व 75 GW अन्य विकल्पों से बनाई जाएगी।
कॉलेज निदेशक डॉ ख्वाजा मुहम्मद रफी ने कहा कि आने वाले दिनों में ज्यादातर बिजली उत्पादन अक्षय ऊर्जा से ही होगा क्योंंकि नोन रिन्यूएबल संसाधन खत्म होने की दिशा में हैं। पूरे विश्व में रिन्यूएबल संसाधनों को विकसित करने के लिए शोध जारी है, हरियाणा सरकार इस बात के लिए प्रतिबद्ध है कि इस अभियान को आगे बढ़ाया जाए इसी दिशा में भारतीय तेल निगम और हरेदा ने एक करार किया है जिसके तहत बायो मास से गैस उत्पन्न किया जाएगा, इस करार में मेवात इंजीनियरिंग कॉलेज नूह भी अपनी भागीदारी निभाएगा।
कार्यशाला के संयोजक डॉ शाहीन खान ने कहा कि इस कार्यशाला से छात्रों को बहुत फायदा होगा और एक्सपर्ट द्वारा बताई तकनीक की सहायता से नए मॉडल तैयार किए जाएंगे।
इस दौरान सहायक प्रोफेसर वसीम अकरम, डॉ जुनैद, डॉ शमशाद, नसीम अहमद, शाहिना बानो, डॉ ताजीम मौजूद थे।