Faridabad NCR
सीटी कैल्शियम स्कोरिंग और सीटी एंजियोग्राफी द्वारा बीमारी का शीघ्र पता लगाना दिल के दौरे के कारण होने वाली अचानक मौतों को रोकने की कुंजी है : डॉ एस एस बंसल
Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : आईएमए फरीदाबाद और एसएसबी हार्ट एन्ड मल्टिस्पेस्लिटी हॉस्पिटल के सौजन्य से एक मेडिकल संगोष्ठी का आयोजन फरीदाबाद नीलम बाटा रोड स्थित होटल डिलाइट में देर शाम शनिवार को किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता आईएमए फरीदाबाद के प्रेसिडेंट डॉ दिनेश गुप्ता ने की। मंच संचालन वाईस प्रेसिडेंट डॉ अनिल डुडेजा और डॉ कामना बक्शी ने किया। इस मौके पर आईएमए हरियाणा के संरक्षक डॉ नरेश जिंदल और डॉ अनिल गोयल वशिष्ठ अतिथि के रूप में मौजूद रहे। इस संगोष्ठी में जानेमाने हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ एस एस बंसल एवं न्यूरोसर्जन डॉ भूपेंदर फौजदार मुख्य वक्ता के रूप में मौजूद थे।
इस अवसर पर डॉ एस एस बंसल ने लोगो में दिल के दौरे की रोकधाम एवं उपचार के बारे में विस्तार से डॉक्टरों को जानकारी दी। उन्होंने बताया की दिल के दौरे के कारण बढ़ती अचानक मौतों को रोकने के लिए हृदय रोग का शीघ्र पता लगाना अतिआवश्यक है। उन्होंने आईएमए सदस्यों को बताया कि लगभग 20% से 25% रोगियों में, अचानक मृत्यु दिल के दौरे की पहली कड़ी है। इनमे से 50% लोग दिल का दौरा पड़ने के 1 घंटे के भीतर मर जाते हैं। उन्होंने बताया की दिल का दौरा 50% ब्लॉक के साथ भी हो सकता है उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जब तक हृदय धमनियों में ब्लॉक 70% से अधिक नहीं हो जाते, तब तक बीमारी आपके शरीर में चुपचाप मौजूद रहती है। और टीएमटी, स्ट्रेस इको, थैलियम और पीईटी सीटी आदि जैसे नियमित परीक्षण हृदय धमनियों में इन ब्लॉकों का पता नहीं लगा पाते। सीटी कैल्शियम स्कोरिंग सभी वयस्क व्यक्तियों में हृदय की रुकावट का पता लगाने के लिए एक सरल और महत्वपूर्ण परीक्षण है। उन्होंने कहा कि सीटी कैल्शियम स्कोरिंग और सीटी एंजियोग्राफी द्वारा बीमारी का शीघ्र पता लगाना दिल के दौरे के कारण होने वाली अचानक मौतों को रोकने की कुंजी है।
दूसरे वक्ता के रूप में मौजूद रहे डॉ. भूपेन्द्र फौजदार ने बताया की ब्रेन की कॉम्प्लेक्स सर्जरी आजकल मिनिमली इनवेसिव और डायग्नोस्टिक विधि से की जा सकती और इसके परिणाम बहुत ही बेहतर है। उन्होने बताया कि एडवांस्ड टेक्नोलॉजी के उपयोग से स्पाइन सर्जरी आजकल डे केयर में ही की जा रही है। और किसी भी व्यक्ति को सेम डे ही डिस्चार्ज भी क्या जा सकता है मरीज अपनी रूटीन लाइफ़ जल्दी ही शुरू कर सकता है।
इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से डॉ अश्वनी वधावन, डॉ सीमा बंसल, डॉ दीपा गुप्ता, डॉ कमल अग्रवाल, डॉ सिद्धांत बंसल, डॉ अरविन्द लोहान, डॉ प्रताप सिंह कँवर, डॉ राजेश जेटली, डॉ राजीव जैन, डॉ कामना बक्शी, डॉ रेनू वधावन, डॉ अनु गुलियानी, डॉ सुनील भूटानी, डॉ के के जिंदल, डॉ एस सी जैन, डॉ विकास अटवाल, डॉ प्रदीप बंसल, डॉ सुभाष ललित, डॉ मीनाक्षी कँवर, डॉ सोनिया अग्रवाल, डॉ अंकुर शर्मा, डॉ विशाल सोनी आदि डॉक्टर उपस्थित रहे।