Faridabad NCR
गणित के बिना इंजीनियरिंग की कल्पना नहीं की जा सकतीः कुलपति प्रो. एस.के. तोमर
Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 29 मार्च। हरियाणा स्टेट काउंसिल फॉर साइंस इनोवेशन एंड टेक्नोलॉजी के सहयोग से गणित के अनुप्रयोगों पर जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद के गणित विभाग द्वारा आज एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया।
संगोष्ठी में कुमाऊं विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. बी.एस. राजपूत मुख्य अतिथि एवं मुख्य वक्ता थे। सत्र की अध्यक्षता कुलपति प्रो सुशील कुमार तोमर ने की। संगोष्ठी को कलकत्ता विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर प्रो. सुजीत बोस और कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर प्रो. एल.आर. विरमानी ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर कुलसचिव डाॅ. एस.के. गर्ग भी उपस्थित थे।
कुलपति प्रो. तोमर ने अपने अध्यक्षीय भाषण में विषय की प्रासंगिकता पर बोलते हुए आधुनिक युग में गणित और इसके अनुप्रयोगों के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि गणित और उसके अनुप्रयोगों के बिना इंजीनियरिंग के विकास की कल्पना नहीं की जा सकती। गणित तर्क जीवन में कई समस्याओं को हल करता है और हम में से हर कोई नियमित जीवन में गणितीय अनुप्रयोगों का उपयोग करता है जो हमारे जीवन को आसान बनाते हैं।
सत्र को संबोधित करते हुए प्रो. राजपूत ने गणित के क्षेत्र में प्राचीन भारतीय विचारकों और दार्शनिकों के कार्यों और उपलब्धियों के बारे में विस्तार से बताया। वेदों और उपवेदों, वैदिक दर्शन, विधर्मी दर्शन, चरक संहिता, सुसुरुत संहिता आदि के उदाहरणों का उल्लेख करते हुए उन्होंने गणित, पदार्थ की संरचना, परमाणु, ब्रह्मांड की उत्पत्ति, गतिशील ब्रह्मांड, जीवन विज्ञान और पर्यावरण के क्षेत्र में प्राचीन भारतीय विद्वानों की उपलब्धियों का उत्कृष्ट विवरण प्रस्तुत किया।
उन्होंने वेदों, उपवेदों, वैदिक दर्शन और उपनिषदों में परिकल्पित गतिशील ब्रह्मांड, डार्क मैटर और डार्क एनर्जी की अवधारणा को विस्तृत किया और इसे आधुनिक विज्ञान के सिद्धांतों के संदर्भ में समझाया।
इससे पहले विभाग की अध्यक्षा डॉ. नीतू गुप्ता ने विभाग और कार्यक्रम का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया तथा वक्ताओं का परिचय कराया। विज्ञान के डीन प्रो. आशुतोष दीक्षित ने आमंत्रित वक्ताओं का स्वागत किया और गणित एवं इसके अनुप्रयोगों के महत्व पर चर्चा की। इस अवसर पर गणित विभाग के न्यूजलेटर का विमोचन भी किया गया।
सेमिनार के दूसरे सत्र में प्रो. सुजीत बोस ने डेटा ट्रांसमिशन के उदाहरण के साथ गणित के विकास पर चर्चा की तथा प्रो. एल.आर. विरमानी ने बैकट्रैकिंग एवंएन-क्वींस प्रॉब्लम पर विस्तार से जानकारी दी।
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