Chandigarh
बावल के गर्ल्स हॉस्टल में पुरुष पुलिसकर्मियों के घुसने की घटना पर कड़ी नाराजगी जताते हुए सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने राष्ट्रीय महिला आयोग को लिखा पत्र

Chandigarh Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : 17 जून। सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने राष्ट्रीय महिला आयोग को पत्र लिखकर कहा कि कृषि महाविद्यालय(बावल) के गर्ल्स हॉस्टल के अंदर गैर-कानूनी ढंग से पुरुष पुलिसकर्मी घुस गये। जबकि किसी भी गर्ल्स हॉस्टल में पिता या भाई को भी जाने की अनुमति नहीं होती। पुलिस, यूनिवर्सिटी प्रशासन से साठ-गांठ करके छात्राओं पर दबाव बना रही है। उन्होंने सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन के चेतावनी देते हुए कहा कि इस तरह की सरकारी गुंडागर्दी किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जा सकती। महिला आयोग को लिखे पत्र में सांसद दीपेन्द्र ने कहा कि गर्ल्स हॉस्टल में पुरुष पुलिसकर्मियों के जबरन प्रवेश, छात्राओं को डराने-धमकाने, विश्वविद्यालय प्रशासन की गुंडागर्दी और छात्राओं की निजता के हनन की गंभीर घटना सामने आयी है। उन्होंने सीधा सवाल किया कि गर्ल्स हॉस्टल में पुरुष पुलिसकर्मियों ने जबरन प्रवेश कर निजता का हनन क्यों किया? महिला छात्रावास में पुरुष पुलिसकर्मी किसके आदेश पर घुसे, कॉलेज के प्रोवोस्ट वहां मौजूद क्यों नहीं थे? छात्राओं एवं उनके परिजनों को किसकी शह पर डराया-धमकाया जा रहा है? दीपेन्द्र हुड्डा ने राष्ट्रीय महिला आयोग से इस गंभीर विषय का संज्ञान लेकर पूरी घटना की उच्चस्तरीय जांच कराने एवं दोषियों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई करने की मांग की।
दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि हिसार कृषि विश्वविद्यालय में न्याय के लिये संघर्षरत छात्रों के साथ तानाशाही रवैया अपनाते हुए लाठियों से उनके सिर फोड़े गये। जिस तरह से प्रशासनिक अधिकारियों, प्रोफेसर्स ने छात्रों के अधिकारों का हनन किया वो इससे पहले कभी नहीं देखा गया। उन्होंने कहा कि सरकार तुरंत HAU वाइसचांसलर को बर्खास्त करे, छात्र-छात्राओं के साथ अन्याय करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करे।
सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने बताया कि उन्होंने खुद पीड़ित छात्राओं से फोन पर जब बात की तो छात्राओं ने बताया कि महाविद्यालय परिसर में बने गर्ल्स हॉस्टल में कई पुरुष पुलिसकर्मी अचानक से घुस गये और उन्हें डराने-धमकाने का प्रयास करने लगे। इस दौरान कई दरवाजों को तोड़ने की कोशिश भी हुई। अचानक हुई। इस घटना से डरी छात्राओं ने अपने कमरों को अंदर से बंद कर लिया। प्रशासन व पुलिस द्वारा काफी धमकाने के बावजूद भी उन्होंने अपने कमरों को नहीं खोला। विश्वविद्यालय प्रशासन की शह पर पुरुष पुलिसकर्मी छात्रावास के कमरों की खिड़कियों से झांकने लगे, इससे छात्राओं में काफी रोष है। इतना ही नहीं, पीड़ित छात्राओं ने बताया कि जबरन प्रवेश कर छात्राओं को डराने के बाद अब छात्राओं के घरवालों को फोन करके धमकाया जा रहा है और दबाव बनाते हुए परीक्षा में शामिल न होने पर गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी जा रही है।