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फरीदाबाद ट्रैफिक पुलिस ने स्पेशल चेकिंग अभियान के तहत एक दिन में कटे 112 स्कूल बसों के काटे चालान

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Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : पुलिस कमिश्नर राकेश कुमार आर्य एवं आईजी ट्रैफिक हरियाणा के आदेश डीसीपी ट्रैफिक अमित यशवर्धन के निर्देशानुसार व एसीपी ट्रैफिक एनआईटी विनोद कुमार के मार्गदर्शन में फरीदाबाद ट्रैफिक पुलिस ने स्पेशल चेकिंग अभियान के तहत यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले 2281 वाहन चालकों के चालान काटे हैं।

पुलिस प्रवक्ता सूबे सिंह ने बताया कि यातायात पुलिस ने स्पेशल चेकिंग अभियान के तहत स्कूल की बसों में छात्रों को ले जा रहे वाहन चालकों द्वारा यातायात नियमों का उल्लंघन करने पर उनके चालान काटे जा रहे हैं। इस अभियान के तहत फरीदाबाद पुलिस ने एक दिन में 112 बस चालको के चालान काटे हैं। इसके अलावा यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले रोन्ग साइड के 311 और बिना हेलमेट के 531 वाहन चालकों के चालान काटे गए। यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले 2281 वाहन चालकों के चालान भी काटे गए हैं और उनको सड़क सुरक्षा नियमों के प्रति जागरूक भी किया गया है। पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि लाइन चेंज का ₹500 का अगर पहली बार है तो लेकिन अगर दुसरी या उससे अधिक बार चालान होता है तो 1500/-रु, विदाउट हेलमेट का 1000/-रु का चालान है। इसके साथ ही फरीदाबाद ट्रैफिक पुलिस के द्वारा समझाया गया कि कम उम्र के बच्चों को वाहन चलाने के लिए अधिकृत नहीं किया गया है क्योंकि उन्हें यातायात नियमों का ज्ञान नहीं होता जिसकी वजह से वह सड़क दुर्घटनाओं का शिकार हो सकते हैं इसलिए बच्चों को वाहन चलाने के लिए न दें। रॉन्ग साइड में वाहन चलाने से सामने आ रहे वहां के साथ नियंत्रण नहीं बन पाता जिसके कारण दुर्घटना होने की संभावना बढ़ जाती है। बिना हेलमेट के दोपहिया से यात्रा करने पर कई बार एक्सीडेंट में सवारी गाड़ी की जान भी चली जाती है। इसके लिए हमें दोपहिया वाहन पर हमेशा हेलमेट से ही सवारी करनी चाहिए इससे हमें, हमारी जान की सेफ्टी मिलती है। पुलिस ने चालकों को सड़क सुरक्षा का महत्व बताते हुए यातायात नियमों का अनुसरण करने के लिए जागरूक किया।

शिक्षण संस्थानों व स्कूल बस चालकों के लिए सुरक्षा नियम:-

1. स्कूल बस पीले रंग के पेट की हुई हो जिसपर खिड़की से 178 मिलीमीटर नीचे 254 मिलीमीटर की गहरे नीले रंग की पट्टी हो

2. बस के आगे सफेद, पीछे लाल तथा साइड में पीली रिफ्लेक्टिव टेप लगी हो जिसकी चौड़ाई कम से कम 50 मिलीमीटर हो

3. बस की स्पीड शहर के किसी भी एरिया में 50 किलोमीटर/घंटा से अधिक ना हो

4. स्कूल के आगे व पीछे स्कूल बस लिखा हो और यदि बस बाहर से हायर की गई हो तो उस पर “ऑन स्कूल ड्यूटी” साफ-साफ लिखा हो

5. स्कूल बस प्रॉपर मेंटेन हो और उस पर प्रशिक्षित ड्राइवर व कंडक्टर तैनात किए गए हो

6. बस चलाने का परमिट या परमिशन ली हुई हो

7. बस के ड्राइवर के पास कम से कम 5 साल का अनुभव हो

8. बस ड्राइवर का 3 बार से अधिक चलान न कटा हो और उसके 5 साल के अनुभव के दौरान वह भारतीय दंड संहिता की धारा 279, 336, 337, 338, 304ए का अपराधी ना रहा हो

9. यदि बस में लड़कियां सफर कर रही हो तो उसके लिए महिला कंडक्टर होनी चाहिए

10. स्कूल या शैक्षणिक संस्थान के पास स्कूल की बाउंड्री के अंदर
पार्किंग स्थान अवश्य होना चाहिए ताकि बच्चों को स्कूल के अंदर उतारा जा सके ताकि वह सड़क दुर्घटना का शिकार होने से बच सकें

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