Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 30 अप्रैल। उपायुक्त जितेन्द्र यादव ने कहा कि जिला स्तरीय किसान मेले का आयोजन कृषि विज्ञान केंद्र भोपानी परिषद पर आयोजित किया गया। जिला स्तरीय किसान मेले में मुख्य अतिथि के तौर उपायुक्त जितेंद्र यादव ने शिरकत की। उन्होंने किसान मेले का उद्घाटन करके उद्यान विभाग द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया।
डीसी जितेन्द्र यादव ने किसानों को संबोधित करते हुए उद्यान विभाग द्वारा चलाई जा रही सभी योजनाओं के बारे में नए बागो की स्थापना, सब्जी उत्पादन, पुष्प उत्पादन, खुम्ब उत्पादन, मधुमक्खी पालन, संरक्षित खेती, फार्मिंग (Bamboo Sitting), प्लास्टिक टनल, मल्चिंग पैक हाउस की योजनाओं का लाभ लें ताकि किसानों की आय में बढ़ोतरी हो। किसान मेले में उपस्थित लगभग 210 प्रगतिशील किसानों के साथ सीधा संवाद किया।जिला उद्यान अधिकारी डॉ. रमेश कुमार ने किसान मेले में उपस्थित किसानों को उद्यान विभाग की सभी योजनाओं की जानकारी देते हुए बताया कि विभागीय योजनाओं का लाभ लेने के लिए अपनी सभी फसलों का ‘मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल (MFMB) पर पंजीकरण कराना आवश्यक है। इसके बगैर योजनाओं का लाभ नहीं लिया जा सकता है। उन्होंने बताया कि विभाग की विभिन्न योजनाओं में 40 से 85 प्रतिशत तक अनुदान का प्रावधान किया गया है।
डा. रमेश कुमार ने उद्यान विभाग की एक योजना एससीपीओ/ SCSP जो कि विशेष रूप से अनुसूचित जाति के किसान भाइयों के लिए विशेष रूप से चलाई जा रही है। इसमें खुम्बी उत्पादन, बम्बू स्टिक इन संरक्षित खेती पर 90 प्रतिशत तक की धनराशि का अनुदान का प्रावधान है। इसके अलावा किसानों की फसलों को जोखिम मुक्त करते हुए विभाग द्वारा भावांतर भरपाई योजना चलाई जा रही है। इसमें 14 सब्जियों की फसलों 5 फुट फलों व 2 मसालों की फसलों को शामिल किया गया है। इस योजना में इन फसलों का सरकार द्वारा संरक्षित मूल्य निर्धारित किया गया है। किसानों को अपनी फसलों का MFMB पोर्टल पर पंजीकरण करवाना अनिवार्य है। बिक्री भी हरियाणा कृषि विपणन बोर्ड/ HSAMB की मंडियों में करनी है। बिक्री के लिए फार्म को मार्केटिंग बोर्ड के पोर्टल पर अपडेट करवाना होता है। इसके बाद भी किसान की फसलों का भाव संरक्षित मूल्य से कम आता है तो भाव का अंतर सरकार द्वारा किसानों को दिया जाता है। इसी प्रकार इन सभी 21 फसलों के लिए मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना की शुरुआत की गई है। इस योजना में ओलावृष्टि तापमान पर बादल फटने से होने वाले नुकसान का मुआवजा दिया जा रहा है। इस योजना का लाभ लेने के लिए किसानों का अपनी फसलों का पंजीकरण पोर्टल पर करवाना आवश्यक है। फलों की फसलों के लिए ₹40000 रुपये की धनराशि का फलों की फसलों के लिए ₹30000 का बीमा होगा।
फलों की फसलों के लिए व सब्जी की फसलों के लिए 100 प्रतिशत नुकसान होने पर एकड़ का 40000 रूपये की धनराशि प्रीमियम निर्धारित किया गया है और 50 प्रतिशत नुकसान होने पर फसलों के लिए 20000 तथा सब्जी की फसलों के लिए 15000 प्रति एकड़ मुआवजा दिया जाएगा। इसी प्रकार 75 प्रतिशत से ज्यादा नुकसान होने पर पूर्णत राशि का मुआवजा दिया जाएगा।। जिला में गांव घरोड़ा, डीग में किसान मेले आयोजित किए गए हैं तथा किसानों को ज्यादा से ज्यादा लाभ लेने के लिए प्रेरित किया गया ताकि किसान विभाग की योजनाओं का लाभ ले सके।