Nuh Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : किसान संगठनों द्वारा तीन घंटे के घोषित जाम का देश भर में असर देखने को मिला, वहीं संयुक्त किसान मोर्चा के नेता, मेवात के समाजिक कार्यकर्ता व नूंह विधायक सीएलपी उप नेता चौधरी आफताब अहमद मुंडाका हरियाणा राजस्थान बोर्डर पहुंचे जहां तीन घंटे तक चक्का जाम रहा और वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से बंद रही।
नूंह विधायक व सीएलपी उप नेता चौधरी आफताब अहमद ने किसानों को सम्बोधित करते हुए कहा कि ये केवल किसानों का आंदोलन ही नहीं बल्कि देश के हर नागरिक का आंदोलन बन गया है, सभी देशवासी किसानों के साथ खड़े हैं और मुट्ठी भर सत्ता से जुड़े स्वार्थी लोग ही किसानों के खिलाफ घर घर जाकर बिलों के फायदे गिना रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसान की सभी मांगे जायज़ है और तीनों काले कानून रद्द होने चाहिए। कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय नेता हों या प्रदेश के नेता सभी किसान के साथ खड़े हैं, और तब तक खड़े रहेंगे जब तक किसान की जीत नहीं हो जाती।
विधायक आफताब अहमद ने कहा कि सैंकडो किसान इस आंदोलन में शहीद हो गए, लाखों सड़कों पर संघर्ष कर रहे हैं लेकिन बीजेपी सरकार उनकी समस्या का समाधान करने के बजाय उन्हें बदनाम कर रही है। उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने जीवन में पहली बार देखा है कि किसानों को रोकने के लिए सड़कों को खुदवा दिया गया हो, कीलों को सड़क में गाड़ दिया गया हो और सरकार के विधायक गुंडों को लेकर किसानों से मार पीट करने पहुंचे हों। पूरे विश्व में सरकार व मिडिया की गैरजिम्मेदारी की निन्दा हुई लेकिन सरकार अभी भी नहीं जागी।
आफताब अहमद ने कहा कि पहली बार ऐसी सरकार देश में बनी है जो सिर्फ जुमले देश को देती है। पहले कहते थे पंद्रह लाख देंगे, फिर नोटेबंदी के फायदे बताए गए, फिर जीएसटी के फायदे बताए गए, फिर कहा सीएए एनआरसी मुसलमानों के लिए फायदेमंद है, अब कह रहे हैं बिल किसानों के लिए फायदेमंद है। ये झूठ बोलकर देश को गुमराह करने का काम छह सालों से लगातार चल रहा है।
नूंह विधायक आफताब अहमद ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि किसानों को पूंजीपतियों के लिए गिरवी रखा जा रहा है, सरकार अपने चंद उद्योगपति दोस्तों के खातिर किसानों को बर्बाद करने पर काम कर रही है लेकिन हम ऐसा कतई नहीं होने देंगे चाहे कुछ भी कुर्बानी देनी पड़े।
लखबीर सरपंच सीकरी संयुक्त किसान मोर्चा के संयोजक ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की तो सामाजिक कार्यकर्ता शेर मोहम्मद, उमर पड़ला, रमज़ान चौधरी, सद्दीक मेव, मौलवी हमीद मन्नका, चेयरमैन फकरुद्दीन, हाजी फतेह मोहम्मद, मैनेजर सपात, सलामुद्दीन प्रधान सहित हजारों किसान व सामाजिक कार्यकर्ता मौजूद थे।