Faridabad NCR
किसानों को प्राकृतिक खेती से होंगे अनेकों फायदे : डॉ पंकज
Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 02 अगस्त। आजादी के अमृत महोत्सव की श्रृंखला के तहत कृषि तथा किसान कल्याण विभाग द्वारा फरीदाबाद में एक दिवसीय प्राकृतिक खेती पर जागरूकता अभियान के तहत एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन लघु सचिवालय के कांफ्रेंस रूम में उप कृषि निदेशक की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ। जिसमें लगभग 120 पूर्व सरपंच, ग्राम प्रधान, नम्बरदार व प्रगतिशील किसानों ने भाग लिया।
डॉ. पंकज, फैसिलिटेटर भारत सरकार द्वारा कार्यक्रम की शुरुआत की गई। डॉ पंकज ने किसानों को प्राकृतिक खेती से होने वाले फायदे बताये। डॉ. राजेश लाठर कृषि वैज्ञानिक पंचकुला द्वारा विस्तार से प्राकृतिक खेती के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि आजकल हमारे खेतों की मिट्टी ज्यादा रासायनिक खादों के प्रयोग से अस्वस्थ व बिमार हो गई है। मिटटी में सूक्ष्म जीवों की संख्या बहुत कम होती जा रही है। सूक्ष्म जीवों की कमी की वजह से कार्बनिक पदार्थों की कमी व असंतुलित कार्बन नाईट्रोजन अनुपात, पीएच मान का असामन्य स्तर, खराब जल प्रति धारण क्षमता, पोशक तत्वों की कमी, रासायनिक उर्वरकों के अविवेकपूर्ण और असंतुलित उपयोग से मृदा प्रदूषण बढ़ता जा रहा है। उन्होनें मिटटी और मानव का स्वास्थ का सीधा सम्बन्ध है। जो मिट्टी में होगा वही फल सब्जी उपज में आएगा। पोषण तत्वों की कमी मिट्टी में होने के कारण गुणवत्ता की कमी फल तथा सब्जियों में आएगी। मानव अंगों को काम करने के लिए विटामिन व मिनरल्स की जरूरत है। जिनकी कमी से शरीर में शुगर, ब्लडप्रेशर तथा कैंसर तक बिमारियॉ हो जाती है। जिसकी वजह से मानव आयु कम होती जा रही है। मिटटी के स्वास्थय के साथ ही मानव व पशुओं का स्वास्थ्य जुड़ा है। पोषक तत्वों की कमी के कारण चारे की गुणवत्ता भी खराब हो जाती है। चारे में पोषक तत्वों की कमी के कारण दूध की कम मात्रा व खराब गुणवत्ता हो गई है।
डॉ कर्मचन्द निदेशक, हमेटी जींद द्वारा प्राकृतिक खेती के बारे में किसानों का विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री हरियाणा के निर्देशानुसार किसानों को देसी गाय की खरीद पर 25000/-रू की आर्थिक सहायता एवं जीवामृत बनाने के लिए 4 ड्रम देने की योजना शुरू की गई है ताकि अधिक से अधिक किसान न केवल देसी गाय का पालन करें बल्कि गोमूत्र व गोबर से प्राकृतिक खेती करके देश को शुद्ध एवं जहर मुक्त खाघान उपलब्ध करवाए। उन्होंने बताया कि जिले के किसानों को ज्यादा से ज्यादा किसान प्राकृतिक खेती के लिए पोर्टल पर रजिस्टर करवाए।
जिले के उप कृषि निदेशक, फरीदाबाद ने सभी किसानों, डॉ राजेश लाठर, डॉ कर्मचन्द का प्राकृतिक खेती की जागरूकता प्रशिक्षण कार्यशाला के लिए धन्यवाद किया व कहा कि जिस भी किसान को प्राकृतिक खेती के लिए कोई भी जानकारी चाहिए तो कृषि विभाग से संपर्क कर सकते है।