Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 16 दिसंबर। हरियाणा अभिभावक एकता मंच ने कहा है कि हाईकाेर्ट की डबल बेंच द्वारा दिए गए फैसले व उसके संदर्भ में शिक्षा निदेशक पंचकूला द्वारा प्राइवेट स्कूलों को दिए गए निर्देश, कि वे गत वर्ष की बिना बढ़ाई गई ट्यूशन फीस ही मासिक आधार पर लें इसके अलावा अन्य किसी फंड में पैसे ना लें का स्कूल संचालक पालन नहीं कर रहे हैं वे पेरेंट्स पर बढ़ाई गई ट्यूशन फीस व प्रतिबंधित किए गए फंड एनुअल चार्ज, कंप्यूटर व ट्रांसपोर्ट फीस आदि में फीस जमा कराने के लिए दबाव डाल रहे हैं ऐसा न करने पर बच्चों का ऑनलाइन ग्रुप से नाम हटाने और उनका नाम काटने की धमकी दे रहे हैं।
मंच का आरोप है कि पीड़ित अभिभावकों द्वारा इस मनमानी की शिकायत कई बार चेयरमैन एफएफआरसी कम मंडल कमिश्नर से करने के बाद भी एफएफआरसी ने दोषी स्कूलों के खिलाफ आज तक कोई भी ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। खानापूर्ति के लिए एफएफआरसी नोटिस नोटिस का खेल खेल रहा है। मंच ने एफएफआरसी की इस कार्यशैली की शिकायत मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री व अतिरिक्त मुख्य सचिव शिक्षा से की है। मंच ने मुख्यमंत्री को याद दिलाया है कि एफएफआरसी की कार्यशैली को लेकर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने भी मानव रचना पेरेंट्स एसोसिएशन द्वारा हाईकोर्ट में दायर की गई एक याचिका पर सुनवाई के दौरान टिप्पणी की थी कि एफएफआरसी फरीदाबाद एक क्लर्क के रूप में काम कर रही है उसके बावजूद एफएफआरसी की कार्यशैली में कोई भी सुधार नहीं आया है और वह पूरी तरह से स्कूल संचालकों के हित में काम कर रही है।
मंच के प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा व जिला सचिव डॉ मनोज शर्मा ने कहा है कि मंच को ग्रैंड कोलंबस, मॉडर्नडीपीएस, अरावली, डीपीएस, डीएवी, एपीजे, मानवरचना, सहित अन्य कई स्कूलों के अभिभावकों ने बताया कि स्कूल प्रबंधक पेरेंट्स को नोटिस भेजकर बढ़ाई गई ट्यूशन फीस के अलावा एनुअल चार्ज,कंप्यूटर,ट्रांसपोर्ट फीस आदि फंडों में तिमाही आधार पर फीस जमा कराने के लिए दबाव डाल रहे हैं ऐसा न करने पर ₹100 प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना करने व बच्चे की ऑनलाइन क्लास बन्द करने की धमकी दे रहे हैं। कई अभिभावकों ने मंच को बताया कि उनके द्वारा जायज ट्यूशन फीस नवंबर तक जमा करा देने के बावजूद उनके बच्चे की ऑनलाइन क्लास बन्द भी कर दी है। पीड़ित अभिभावक सुषमा शर्मा, मुकेश पांडे, रमन सूद ने इस मनमानी की शिकायत कई बार चेयरमैन एफएफआरसी से लिखित में की है लेकिन एफएफआरसी ने दोषी स्कूल के खिलाफ कोई भी उचित कार्रवाई नहीं की है। इसके चलते ही स्कूल वालों के हौसले बुलंद हैं।
मंच ने स्कूलों की इस मनमानी पर नाराजगी प्रकट करते हुए मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री को पत्र लिखकर दोषी स्कूलों की मान्यता रद्द करने और एनओसी वापस लेने की मांग की है। मंच ने यह भी मांग की है कि स्कूल वालों ने अभिभावकों को डरा धमका कर उनसे जो बढ़ाई गई ट्यूशन फीस, एनुअल चार्ज, ट्रांसपोर्ट व अन्य फंडों में राशि वसूल ली है उस लिए गए फालतू पैसे को या तो वापस कराया जाएगा या आगे की फीस में एडजस्ट कराया जाए। मंच ने पत्र में यह भी लिखा है कि चेयरमैन एफएफआरसी कम मंडल कमिश्नर फरीदाबाद ने आज तक नियमानुसार किसी भी स्कूल का ऑडिट नहीं कराया है जबकि इसके लिए सरकारी फंड पर सीए का गठन किया जा चुका है अतः एफएफआरसी के गठन से लेकर आजतक की उसकी कार्यशैली की एक उच्च स्तरीय जांच कमेटी से जांच कराई जाए। मंच के जिला अध्यक्ष शिवकुमार जोशी एडवोकेट ने सभी पेरेंट्स से कहा है कि वे सिर्फ गत वर्ष की ही बिना बढ़ाएगी ट्यूशन फीस मासिक आधार पर जमा कराएं इसके अलावा अन्य किसी फंड में एक भी पैसा ना दें।