Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 4 सितंबर। हरियाणा अभिभावक एकता मंच ने आरोप लगाया कि प्राइवेट स्कूल प्रबंधक पैरेंट्स से पूरी फीस वसूलने के बावजूद टीचरों को आधी सेलरी देकर अपनी तिजोरियां भरने में लगे हुए हैं। अभिभावक एकता मंच ने प्राइवेट स्कूल प्रबंधकों द्वारा टीचरों के किए जा रहे शोषण का मामला जोरदार तरीके से उठाने का फैसला किया है। अभिभावक एकता मंच के प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा, जिला प्रधान एडवोकेट शिव कुमार जौशी ने बताया कि सेलरी कटौती के अलावा प्राइवेट स्कूल प्रबंधक माननीय प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री द्वारा कोरोना काल में किसी भी टीचर को नौकरी से न निकालने कि की गई सार्वजनिक अपील को धत्ता बताते हुए 20 से 30 प्रतिशत टीचरों को नौकरी से निकाल चुके हैं। उन्होंने बताया कि कोरोना के कारण आन लाइन कक्षाएं लगने से टीचरों का काम दो से तीन गुणा बढ़ गया है इसके बावजूद स्कूल प्रबंधक अप्रैल से ही आधी सेलरी टीचर्स को दे रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि शिक्षा के यह व्यापारी कोरोना को भी अवसर में बदलकर पैरेंट्स व टीचरों का शोषण करके अपनी तिजोरियां भरने में जुटे हुए हैं। अभिभावक एकता मंच ने इसकी शिकायत चेयरमैन सीबीएसई, मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री से की है और इस मामले की जांच की मांग की है मंच शीघ्र ही चेयरमैन एफएफआरसी कम मंडल आयुक्त से मुलाकात कर एक ज्ञापन सौंपेगा।
प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा ने कहा है कि फरीदाबाद के कई स्कूलों के टीचर्स ने मंच को बताया कि स्कूल प्रबंधकों ने लगभग 95 से 98 पैरेंट्स से बढ़ी हुई ट्यूशन फीस वसूल ली है। लेकिन टीचर को अप्रेल महीने से आधी सेलरी ही दी जा रही है। यह भी नही बताया जा रहा की बाकी आधी सेलरी का भुगतान कब किया जाएगा या किया ही नहीं जाएगा। उन्होंने बताया कि स्कूल प्रबंधक टीचर्स से बंधुआ मजदूर की तरह काम ले रहे हैं। नौकरी से निकाला गया कोई टीचर अगर छंटनी का विरोध करने की हिम्मत करे तो उसको फरीदाबाद के किसी भी स्कूल में नौकरी नहीं मिल सकती है। क्योंकि इस मामले में सभी स्कूल मिले हुए हैं। तानाशाही का आलम यह है कि आधी सेलरी मिलने के बावजूद किसी टीचर की इतनी हिम्मत नही की वह इसके बारे कोई सवाल पुछ सकें। ऐसा करने पर उसको नौकरी से हाथ धोना पड़ सकता है। मंच के जिला सचिव डॉ मनोज शर्मा ने कहा है कि मंच ने अब अध्यापकों की सभी समस्याओं का समाधान करने, उन्हें पूरी तनखा दिलवाने और उनकी नौकरी सुरक्षित कराने का बीड़ा उठाया है। पीड़ित अध्यापक अपनी समस्याएं मंच को बताएं।