Faridabad NCR
पर्यटन की दृष्टि से सन, सैंड एंड सी तक सीमित नहीं रहा गोवा, प्राचीन मंदिरों तथा जंगल सफारी का भी आनंद ले सकते हैं पर्यटक
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Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : 21 फरवरी। पर्यटन की दृष्टि से अंतरराष्ट्रीय पटल पर प्रसिद्ध गोवा राज्य अब केवल सन, सैंड और सी तक ही सीमित नहीं रहा है। यहां पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पुरातन सांस्कृतिक धरोहर और जंगल सफारी को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। यह कहना है गोवा के विधायक एवं गोवा टूरिज्म डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन के चेयरमैन डा. गणेश गावकर का। गोवा पवेलियन का अवलोकन करते हुए डा. गणेश गावकर ने बताया कि इस साल सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेले के माध्यम से गोवा में टूरिज्म को प्रोत्साहन देने के लिए यह पवेलियन लगाई गई है। उन्होंने बताया कि गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत व पर्यटन मंत्री डा. रोहन खाउंते के प्रयास से गोवा पर्यटन को नया स्वरूप प्रदान किया गया है। अब गोवा का पर्यटन केवल समुद्र के बीच, सूरज की धूप और रेत तक ही सीमित नहीं है। समुद्र से दूर गोवा के आंतरिक क्षेत्र में स्थित ऐतिहासिक किलों, भगवान शिव व देवियों के प्राचीन मंदिरों, बायो डायवर्सिटी पार्क, मेडिसिनल प्लांट्स गार्डन, जल प्रपात, यूनेस्को हेरिटेज साइट्स को विकसित कर पर्यटन का विस्तार किया जा रहा है।
डा. गणेश गावकर ने बताया कि करोड़ों रुपयों की राशि खर्च कर गोवा के 25 प्राचीन मंदिरों का काशी, उज्जैन की तरह पुनरोद्धार किया जा रहा है। महाशिवरात्रि के उपलक्ष्य में 25 फरवरी को यहां सांकरोडे के महादेव मंदिर में विशाल शिव महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। यहां आकर पर्यटक नेचुरल फूड और जैविक कला शिल्प की सुंदरता देख सकते हैं। इसके अलावा गोवा के घरों में पर्यटक होम स्टे कर कोंकणी कल्चर को नजदीक से देख सकते हैं।
मेले के माध्यम से संस्कृति हो रही है सांझी : डा.सुनील
इस अवसर पर उपस्थित हरियाणा पर्यटन निगम के प्रबंध निदेशक डा. सुनील कुमार ने कहा कि गोवा और हरियाणा राज्य सूरजकुंड मेले के माध्यम से अपनी कला संस्कृति को साझा कर रहे हैं। भविष्य में भी ये दोनों राज्य पर्यटन को प्रोत्साहन देने के लिए मिलकर कार्य करेंगे। गोवा के कलाकारों ने यहां आकर अपनी प्रतिभा से दर्शकों का मन मोह लिया। बड़ी चौपाल पर कोंकणी संस्कृति के पारंपरिक नृत्यों की इन कलाकारों ने शानदार प्रस्तुति दी। गोवा पर्यटन निगम के निदेशक केदार नाइक भी इस अवसर पर मौजूद रहे।