Chandigarh
हरियाणा में पहली बारिश में ही सरकारी दावे फेल, जलनिकासी व्यवस्था न होने से फसल, संपत्ति को हुआ भारी नुकसान : दीपेन्द्र हुड्डा

Chandigarh Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : 30 जून। सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि हरियाणा में पहली बारिश में ही तमाम सरकारी दावे फेल हो गए। पहली बारिश ने ही BJP सरकार के भ्रष्टाचार की भी पोल खोलकर रख दी। गाँव से लेकर शहरों तक जलनिकासी की पुख्ता व्यवस्था न होने से फसल, संपत्ति को भारी नुकसान हुआ है। राज्य के अनेक जिलों में चरमराई जलनिकासी व्यवस्था के कारण खेतों, गलियों, सड़कों और कॉलोनियों में लोगों को भारी जलभराव का सामना करना पड़ रहा है। कई कॉलोनियों, बाजारों और सार्वजनिक स्थलों में घुटनों तक पानी भर गया है। सड़कों पर कीचड़, फिसलन, बदबू फैलने से आम जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। सरकार सुनिश्चित करे कि जलभराव वाले निचले इलाकों में पर्याप्त संख्या में पम्प, बिजली मोटर, बिजली कनेक्शन आदि की व्यवस्था हो। दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि शहरी इलाकों में बरसाती जलभराव से सड़कों पर बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं। प्रदेशभर की सड़कें तो पहले से ही जर्जर थीं, बरसात के कारणत उनकी हालत और ज्यादा खराब हो चुकी है। सड़क धँसने, आवागमन के दौरान लोगों के गिरकर चोटिल होने की खबरें आम हैं। ऐसे में सरकार जलनिकासी के साथ ही प्रदेश भर की सड़कों की मरम्मत और गड्ढे भरवाने का काम कराए।
सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि सरकार हर साल करोड़ों रुपये खर्च करके सफाई कराने के बड़े-बड़े दावे करती है। लेकिन बारिश होते ही अधिकांश जगहों पर व्यापक जलभराव की समस्या खड़ी हो जाती है। सरकार यदि सीवर, ड्रैनेज की सफाई, जलनिकासी की सही ढंग से व्यवस्था करती है तो फिर इतना बुरा हाल कैसे हो जाता है। रोहतक में 300 करोड़ रुपए के अमृत योजना घोटाले का जिक्र करते हुए दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि सफाई का जो पैसा शहर के सीवरेज सिस्टम, ड्रेनेज सफाई, पार्कों के रख रखाव पर खर्च होना था, वो पैसा भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया। शहर तो साफ नहीं हुआ रुपया साफ हो गया।
सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि जरा सी बारिश से ही पूरे प्रदेश में बुरा हाल हो गया, जब अभी ये हाल है तो जुलाई अगस्त में बरसात के पीक सीजन में क्या होगा। उन्होंने कहा कि रोहतक में कसरेंटी माईनर टूटने से खेतों में खड़ी फसल जलमग्न हो गई। मरकंडा नदी में आए उफान से सैकड़ों एकड़ फसल तबाह हो गई है। प्रदेश के अंबाला, कुरुक्षेत्र, करनाल, पानीपत, रोहतक, जींद, हिसार, सिरसा, भिवानी, यमुनानगर, फतेहाबाद जैसे जिलों में बारिश, नदियों में उफान के चलते कई जगह खेतों में पानी भर गया है, जिससे फसलें पूरी तरह नष्ट हो गई हैं। बारिश का पानी खेतों में भरने से धान, कपास, मूंग, बाजरा, सब्ज़ियों और अन्य खरीफ फसलों को व्यापक नुकसान हुआ है। खेतों में लंबे समय तक जलभराव के चलते किसान फसलों के पूरी तरह सड़ने की आशंका जता रहे हैं। किसानों की कई महीनों की मेहनत एक झटके में बर्बाद हो गई है। अनेक गाँवों और बस्तियों का संपर्क मुख्य मार्गों से टूट गया है। शहरी क्षेत्रों में हालात और भी चिंताजनक हैं। नालों की सफाई और जल निकासी की पर्याप्त व्यवस्था न होने के कारण कई मकानों के ग्राउंड फ्लोर, दुकानों और सरकारी भवनों में पानी घुस गया है, जिससे लोगों की संपत्ति, फर्नीचर, इलेक्ट्रॉनिक्स और आवश्यक दस्तावेजों को काफी क्षति हुई है। अस्पतालों और स्कूलों में भी पानी भरने से जन स्वास्थ्य और शिक्षा व्यवस्था पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।