Chandigarh
कोरोना महामारी से हो रही मौतों को छुपा रही है सरकार, असली मौतों के सामने कहीं भी नहीं ठहर रहे हैं कोरोना की मौतों के आंकड़ें : डॉ सुशील गुप्ता
उन्होंने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर शुरू होते ही प्रदेश मे ऐसा कोहराम मचाया की सरकार के सभी व्यवस्थाओ की पोल खुलनी शुरू हो गई थी। न किसी को अस्पतालों में बेड मिल रहा था और न ही दवाईयां। ऊपर से ऑक्सीजन न मिलने के चलते सैंकड़ों मरीजों ने दम तोड़ दिया। प्रदेश सरकार ने हाथ खड़े कर लोगों को राम भरोसे छोड़ दिया। नतीजन इस दौरान हर रोज हज़ारो की संख्या में लोगों की कोरोना बीमारी की वजह से मृत्यु हुई थी। लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने इन आंकड़ों को गलत दिखाया।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में हो रही मौतों के आंकड़ों पर नज़र दौड़ाई जाए तो आम तौर पर स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिलों में शहरों में हुई कुल मौतों में से तकरीबन केवल 15 से 20 प्रतिशत तथा गावों में हुई मौतों में से लगभग 5 से 10 प्रतिशत तक ही मौतों को कोरोना से हुई मौते दर्शाई हैं। जो की असल मौतों के सामने यह आंकड़ा कहीं भी नहीं ठहरता। स्वास्थ्य विभाग द्वारा दिये गए मौतों तथा असल में हो रही मौतों के आंकड़ों में भारी अंतर नज़र आ रहा है।इसके अलावा प्रदेश में हो रही सभी मौतों का रिकार्ड भी नहीं रखा जा रहा है। जिससे न तो मृतक के परिजनों को मृतक का मृत्यु प्रमाण पत्र मिलेगा और न ही उन्हें प्राकृतिक आपदा से हुई मौतों का किसी भी तरह का कोई मुआवजा ही मिलेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश के अधिकतर गावों में लोगों के स्वास्थ्य की देख भाल के लिए चिकित्सा केंद्र ही नहीं है अगर कहीं है भी तो न तो वहां डाक्टर है और न दवाइयाँ। इसलिए गावों के लोग झोला छाप डाक्टरों से इलाज कराते रहे और मौत का ग्रास बनते रहे, नतीजन इन मौतों का न तो गांव में और न ही सरकार के पास कोई आंकड़ा है। इनमें ज्यादातर गरीब एवं बीपीएल परिवारों के लोग हैं जिनके लिए हरियाणा सरकार ने कोवीड से असामयिक मृत्यु होने पर उनके परिजनों को बैंक के माध्यम से उनके परिजनों को दो लाख की वित्तीय मदद देने की घोषणा की हुई है। लेकिन जब उनकी कोरोना से मौत नहीं दर्शाई जायेगी तो वह वित्तीय सहयता किसे दी जायेगी यह समझ से परे है।
उन्होंने मांग की है कि हरियाणा प्रदेश सरकार कोरोना से शहीद लोगों का सही आंकड़ा दें, सभी का मृत्यु प्रमाण पत्र दें और दिल्ली की केजरीवाल साकार की तर्ज पर कोरोना से शाहिद के परिजनों को मुआवजा, पेंशन तथा अनाथ हुए बच्चों की पढ़ाई का खर्चा उठाने की घोषणा करे।