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Faridabad NCR

सरकार वार्तानुकूलित कमरों में नहीं बाॅडरों पर करे अपनी बैठके : सुशील गुप्ता

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Bahadurgarh Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 12 दिसंबर। आम आदमी पार्टी के सांसद सुशील गुप्ता का कहना है  कृषि कानून के विरोध में देश का किसान दिल्ली में बढ रहा है। वह केवल अपने लिए इंसाफ की गुहार पिछले 14 दिनों से लगा रहा हैं। अगर उनके और सरकार के बीच कानूनों को लेकर सहमति नहीं मिलती तथा किसान बैठक में आने को तैयार नहीं है ऐसे में केन्द्र सरकार को चाहिए कि वह अपना प्रतिनिधि किसानों के बीच भेजे ताकि आंदोलनकारियों और सरकार के बीच कोई रास्ता निकल सके। इस दौरान उनके साथ उत्तरी हरियाणा युथ विंग के प्रदेश अध्यक्ष गौरव बख्शी आदि पार्टीकार्यकर्ता उपस्थित थे।
उन्होंने कहा कि दिल्ली की चारों सीमाओं पर किसान आकर बैठा हुआ है। लेकिन सरकार है कि किसानों की सुनने को तैयार नहीं है। वह उनसे गोल मठोल बातें कर रही है। जिसके कारण किसानों और सरकार के बीच होने वाली वार्ता 6 दौर में चलने के बाद भी अधूरी है।
पार्टी के हरियाणा में सहप्रभारी सुशील गुप्ता ने कहा कि केन्द्र सरकार के कृषि बिलों के विरोध मे आंदोलनरत किसान संगठनों के बीच केन्द्र सरकार की वार्ता निरंतर विफल हो जाने के चलते देशभर के विभिन्न प्रांतों से किसान दिल्ली पहुंचने लगे है। किसानों ने दिल्ली कूच और हाइवे को जाम करने का ऐलान किया हुआ है। जिसे रोकने के लिए केन्द्र सरकार ने सीमाओं को छावनी में तब्दील कर रखा है। हाइवे पर केंद्रीय रिर्जव पुलिस बल और पैरामिलट्री फोर्स को तैनात कर दिया गया है।
सुशील गुप्ता आज किसान आंदोलनकारियों से मिलने के लिए टिकरी बाॅर्डर पहुंचे थे। जहां सुशील गुप्ता ने किसानों की समस्याओं की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि किसान शांतिपूर्ण तरीके से अपने आंदोलन को आगे बढा रहा है। ऐसे में बेहतर होता कि केन्द्र के कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर व अन्य मंत्रीगण वार्ताकुलित कमरों में बैठके करने की बजाए किसानों के पास जाए।
उन्होंने कहा कि केन्द्र के उक्त मंत्री कमरों से निकलकर सिंघू बाॅर्डर, टिकरी बाॅर्डर तथा उत्तर प्रदेश के बाॅर्डरों पर बैठे किसानों के पास जाते और खूद देखते कि वह किस परिस्थितियों अपने आंदोलन को आगे बढा रहें है। उनको उनकी स्थिति का भी पता चलता। अगर केन्द्र के नेता उनके आंदोलन में जाते और किसानों से बात करते तो निश्चितौर पर कोई ना कोई फैसला होता या दोनों के बीच खाई बढने की बजाए कम होती।
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को भय है, अगर आंदोलन में किसी शरारती तत्व शामिल हो रहें है तो  उनको तरुंत गिरफतार करें। वहीं सुनिश्चित करे कि आंदोलनकारी किसानों पर कोई हत्याचार ना होने पाए।
उन्होंने कहा कि केन्द्र को किसानों की परवाह है तो वह किसानों के पास जाए और उनकी मांगो पर किए जाने वाले वादों पर भरोसा दिलाए, ताकि यह दूरियां कम हो सके।

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