Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 8 सितंबर। फरीदाबाद के 26 गांवों को नगर निगम में शामिल कर हरियाणा सरकार अपने खाली खजाने को भरने का प्रयास कर रही है। प्रदेश की भाजपा सरकार की हालत खस्ता है, फरीदाबाद नगर निगम पहले ही अपनी कंगाली का ढोल पीट चुका है, ऐसे में प्रदेश सरकार की नीयत अब गांवो को साफ करने की है। इसी सोची-समझी चाल के तहत फरीदाबाद नगर निगम का विस्तार किया जा रहा है, ताकि गांवों की करोड़ों रुपए की मल्कियत को नगर निगम में लिया जा सके और निगम की खाली जेब को भरा जा सके। श्री चौधरी ने कहा कि इससे पूर्व में भी नगर निगम ने फरीदाबाद के कई गांवों से पंचायती राज खत्म कर उनको नगर निगम में शामिल किया है। लेकिन, उनकी खस्ता हालत देखकर आप स्वयं अंदाजा लगा सकते हैं कि फरीदाबाद नगर निगम में शामिल होने का क्या लाभ इन गांवों को मिला है। आज पंचायती क्षेत्र में आने वाले गांव नगर निगम के अंतर्गत आने वाले गांवों से लाख गुणा बेहतर स्थिति में है। गांवों की करोड़ों रुपए की संपत्ति डकारने के बाद भी नगर निगम के अंतर्गत आने वाले गांवों में मूलभूत सुविधाएं तक नहीं है। गौरव चौधरी ने कहा कि नगर निगम को भंग कर देना चाहिए, इससे कोई लाभ नहीं है। पंचायती क्षेत्र में पंच, सरपंच गांव के जिम्मेदार व्यक्ति होते हैं और उनके ऊपर दबाव होता है गांव में विकास कार्य कराने का। मगर, नगर निगम में गांवों की करोड़ों की संपत्ति जाने के बावजूद, भी आज वो अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहे हैं। नगर निगम अधिकारी दीमक की तरह इसको खोखला करने में लगे हैं। जब, बात आती है कि विकास कार्यों की तो कंगाली का रोना रो दिया जाता है। फरीदाबाद के 26 गांवों को नगर निगम में शामिल करने पर सैंकड़ों लोग उनसे मिले और सरकार की इस योजना का पुरजोर विरोध किया। गौरव चौधरी ने आए हुए लोगों को भरोसा दिलाया कि वो उनकी आवाज को पुरजोर तरीके से उठाएंगे और लोगों के हकों की लड़ाई लड़ेंगे ताकि कि इन गांवों को नगर निगम में शामिल न किया जाए। नगर निगम में बैठे भ्रष्ट अधिकारी इन गांवों की बेशकीमती जमीन को हड़प कर जाएंगे और जब विकास कार्यों की बारी आएगी और कंगाली का रोना रो दिया जाएगा।