Connect with us

Faridabad NCR

जोगेंद्र चावला द्वारा वकालत के लिए प्रस्तुत किए गए ग्रेजुएशन के दस्तावेज़ फर्ज़ी : आनंदकांत भाटिया

Published

on

Spread the love

Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : बड़खल भाजपा निगरानी समिति के प्रमुख आनंदकांत भाटिया ने विवादित संस्था फरीदाबाद धार्मिक एवं सामाजिक संगठन के प्रधान जोगेंद्र चावला पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि चावला ने वकालत करने के लिए जो अपने ग्रेएजुशन के दस्तावेज़ लगा रखे हैं, वे फर्ज़ी हैं। उन्होंने ग्रेजुशन मेरठ युनिवर्सिटी से की गई दिखा रखी है, जो कि अब चौधरी चरण सिंह युनिवर्सिटी के नाम से जानी जाती है। भाटिया ने कहा कि उनके द्वारा एलएलबी में दाखिला प्राप्त करने के लिए लगाए गए यह दस्तावेज़ पूरी तरह से फर्ज़ी हैं और कि ऐसा मैं नहीं कह रहा, यह कहना है चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी के विजिलेंस ऑफिसर का। एलएलबी की उसी प्राप्त डिग्री के दम पर यह व्यक्ति वकील बनकर फरीदाबाद में ही सेल टैक्स की प्रैक्टिस कर रहा है इसलिए उनके खिलाफ फरीदाबाद प्रशासन को कानूनी कार्यवाही करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इसी व्यक्ति की संस्था फरीदाबाद एवं धार्मिक संगठन को अब तक लाखों रूपए के सरकारी अनुदान मुख्यमंत्री हरियाणा के साथ साथ सीपीएस व अन्य मंत्रियों द्वारा आवंटित किए जा चुके हैं, लेकिन आज तक उसका हिसाब उनके द्वारा किसी भी संबंधित प्रशासनिक इकाई को नहीं दिया गया है। शासन-प्रशासन द्वारा जारी उक्त संस्था व उक्त व्यक्ति के खिलाफ कार्यवाही करने के दस्तावेज़ दिखाते हुए भाटिया ने बताया कि बावजूद इसके कोई कार्यवाही नहीं होना, अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। आनंदकांत भाटिया एन.एच.-3 ईएसआई चौक स्थित गो फूडीज रेस्टारेंट में आयोजित पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि फरीदाबाद धार्मिक एवं सामाजिक संगठन नामक संस्था वर्षों से विवादों में चली आ रही है और इसके प्रधान को लेकर भी कई तरह की अनियमितताएं प्रकाश में आ चुकी हैं, लेकिन इसके बावजूद राजनैतिक दबाव के चलते प्रशासनिक स्तर पर उक्त संस्था व व्यक्ति को सहयोग दिया जा रहा है, जिसका वे विरोध करते हैं। भाटिया ने आगे कहा कि जब स्वयं एसडीएम बड़खल, विकास शाखा (डीसी कार्यालय), अतिरिक्त निगम आयुक्त, मुख्य नगर योजनाकार, संयुक्त आयुक्त (टी) और जिला रजिस्ट्रार यह मान चुके हैं कि उक्त व्यक्ति एवं संस्था द्वारा अनैतिक कार्य किए जाना प्रकाश में आया है तो ऐसे में उसके खिलाफ कार्रवाई ना करना इन्हीं कार्यालयों की लापरवाही को उजागर करता है। भाटिया ने यह भी बताया कि इसी विषय पर उन्होंने स्थानीय विधायक श्रीमती सीमा त्रिखा, सामाजिक प्रमुख सरदार मोहन सिंह भाटिया और धर्म गुरु आदरणीय पीर जगन्नाथ जी से भी बात पूर्व में की थी और उन्होंने स्पष्ट किया था कि यदि जोगिंदर चावला दोषी है तो उसके खिलाफ आपको जाना चाहिए और उसकी कोई भी मदद नहीं करेगा लेकिन ना जाने किन कारणों से यह सभी लोग उस को संरक्षण देने में ही लगे दिखाई दिए।
भाटिया ने बताया कि उन्होंने बार काउंसिल ऑफ दिल्ली, स्थानीय सेल्स टैक्स आयुक्त, वाईस चांसलर लखनऊ यूनिवर्सिटी के अलावा भी कई अन्य संस्थानों को इन फर्ज़ी दस्तावेज़ों पर जांच उपरांत कार्रवाई करने के लिए पत्र लिख दिए हैं।
भाटिया ने आंकड़े रखते हुए बताया कि आरटीआई से खुलासा हुआ है कि वर्ष 2014 से 31 जुलाई, 2021 तक शहर की 424 संस्थाओं को सरकारी अनुदान के रूप में 27 करोड़ 54 लाख 98 हज़ार 50 रूपए दिए गए, जिसमें से कुल 27 संस्थाओं ने ही अनुदान का हिसाब-किताब प्रस्तुत किया, जबकि अन्यों ने नहीं किया है। जिला प्रशासन की विकास शाखा का यह दायित्व बनता है कि वह संस्थाओं को दिए गए अनुदान के सही प्रयोग के दस्तावेज़ एकत्रित करे, लेकिन उस विभाग द्वारा ऐसा नहीं किया जा रहा है। उन्होंने शासन-प्रशासन को चेताते हुए कहा कि यदि उन्होंने किसी भी राजनैतिक दबाव के चलते सही कार्रवाई नहीं की तो इन्हीं दस्तावेज़ों को माननीय मुख्यमंत्री हरियाणा श्री मनोहर लाल खट्टर के समक्ष आगामी ग्रीवेंस मीटिंग के दौरान इस मुद्दे को पुरजोर तरीके से उठाएंगे और वहां भी यदि न्याय ना मिला तो माननीय अदालत की शरण लेंगे और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करवाना सुनिश्चित करवाएंगे।

Continue Reading

Copyright © 2024 | www.hindustanabtak.com