Faridabad NCR
शब्द यात्रा द्वारा जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान में भव्य साहित्यिक आयोजन

Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : शब्द यात्रा संस्था ने होली के विशेष अवसर पर 18 मार्च को जिम कॉर्बेट नेशनल उद्यान में भव्य अंतर्राजीय साहित्यिक सम्मिलन का आयोजन किया । इस साहित्यिक महाकुंभ में 42 शब्दयात्रियों ने भाग लिया और अपनी विचारधारा, संस्मरण, कविताएँ एवं कहानियाँ प्रस्तुत कीं।
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ हुआ, जिसके पश्चात संकल्प ने मधुर स्वरों में सरस्वती वंदना प्रस्तुत कर समां बांध दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ मुकेश गंभीर ने की, जबकि मुख्य अतिथि के रूप में विदू कालरा जी उपस्थित रही। विशिष्ट अतिथि डॉ. रश्मि गुप्ता एवं बरखा यादव ने भी अपनी गरिमामयी उपस्थिति दर्ज कराई।
यह केवल साहित्यिक यात्रा ही नहीं, अपितु एक आध्यात्मिक यात्रा भी थी क्योंकि सभी यात्रियों ने कैंची धाम करौली बाबा के दर्शन का लाभ लिया एवं गिरिजा देवी मंदिर तथा हनुमान धाम में जाकर पुण्य अर्जित किया। इसके साथ ही जिम कॉर्बेट जाकर प्रकृति के सौंदर्य और कोसी नदी के बहते पानी की कल-कल के साथ पशु-पक्षियों के जीवन को बहुत करीब से देखने का आनंद भी प्राप्त किया।
उम्र की सीमा को भूलकर सभी यात्रियों बचपन जिंदा कर आनंद, उल्लास एवं उमंग से भरकर गाते-बजाते यात्रा का भरपूर आनंद लिया और फूलों,गुजिया और होली के गीतों के साथ पांच दिवसीय होली के त्योहार में अपने उत्साह के अनेक रंग भर दिए।
इस यात्रा ने न केवल साहित्यिक चेतना को जागृत किया, बल्कि आत्मिक शांति का अनुभव भी कराया।
कार्यक्रम में डॉ कृष्णा कुमारी, सीमा भारद्वाज, कमलेश यादव, अनु चड्ढा, मुकेश चड्ढा, गायत्री गांधी, मौनिका सोलंकी, तुषारिका, रेनू गुप्ता, अशोक कुमार गुप्ता, जगदीश मित्तर गांधी, स्मृति श्रीवास्तव, तान्या, अकीरा, गायत्री गाॅंधी, मुख्य अतिथि विदू कालरा ने शब्द यात्रा की विवेचना करते हुए सभी प्रतिभागियों का हौसला बढ़ाया और इस प्रकार के आयोजनों की महत्ता पर जोर दिया। उन्होंने शब्द यात्रा की अध्यक्ष श्रीमती शारदा मित्तल एवं महासचिव प्रीति मिश्रा की प्रशंसा करते हुए कहा कि ऐसे आयोजनों से साहित्य को नई दिशा मिलती है।
कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ. मुकेश गंभीर ने बताया कि वो शब्द यात्रा द्वारा आयोजित सभी यात्राओं में सहभागी रहे हैं और हर यात्रा और उसमें आयोजित कार्यक्रम अविस्मरणीय अनुभव रहा है। वहाॅं उपस्थित सभी लोगों का कहना था कि वह शब्द यात्रा संस्था के साथ सदैव जुड़े रहना चाहेंगे और आगे भी हमेशा यात्रा पर साथ चलना चाहेंगे।