Faridabad NCR
नवरात्रों के तीसरे दिन महारानी वैष्णोदेवी मंदिर में हुई मां चंद्रघंटा की भव्य पूजा
Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : नवरात्रों की धूम लगातार जारी है और तमाम मंदिरों में तीसरे नवरात्रे पर मां चंद्रघंटा की भव्य पूजा अर्चना की गई। महारानी वैष्णोदेवी मंदिर तिकोना पार्क में सुबह से ही भक्तों का तांता लगना आरंभ हो गया और श्रद्धालुओं ने मां चंद्रघंटा की भव्य पूजा अर्चना में हिस्सा लिया तथा मां का आर्शीवाद ग्रहण किया। इस अवसर पर भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव जेटली ने वैष्णोदेवी मंदिर में मां चंद्रघंटा के समक्ष अपनी हाजिरी लगाई और भव्य पूजा अर्चना में शामिल होकर मां का आशी्रवाद लिया। मंदिर संस्थान के प्रधान जगदीश भाटिया ने भाजपा प्रवक्ता राजीव जेटली का स्वागत किया तथा उन्हें माता की चुनरी भेंट की।
नवरात्रों के तीसरे दिन मंदिर में पूजा अर्चना के उपरांत प्रसाद का वितरण किया गया। मंदिर संस्थान के प्रधान जगदीश भाटिया ने सभी भक्तों का स्वागत किया और उन्हें नवरात्रों की शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर श्री भाटिया ने भक्तों को बताया कि मां चंद्रघंटा की सच्चे मन से अराधना करने वाले भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। मां चंद्रघंटा बेहद ही शांत स्वभाव की हैं और वह हमेशा से भक्तों का कल्याण करने वाली हैं। मां को दूध और खीर का भोग लगाया जाता है तथा उन्हें सफेद रंग अति प्रिय है। मां के दसों हाथों में अस्त्र-शस्त्र तथा फूल रहते हैं। उनके चार दाहिने हाथों में त्रिशूल, गदा, तलवार और कमंडल रहते हैं तथा पांचवा हाथ वरण मुद्रा में रहता है। इस तरह से माता के चार बाएं हाथों में कमल का फूल, तीर-धनुष तथा जप माला रहते हैं और पांचवा हाथ अभय मुद्रा में रहता है। श्री भाटिया ने मां की महिमा का गुणगान करते हुए बताया कि यह देवी पार्वती का विवाहित रूप है। भगवान शिव से शादी करने के बाद देवी महागौरी ने अर्ध चंद्र से अपने माथे को सजाना प्रारंभ कर दिया और जिसके कारण देवी पार्वती को देवी चंद्रघंटा के रूप में जाना जाता है। वह अपने माथे पर अर्ध-गोलाकार चंद्रमा धारण किए हुए हैं। उनके माथे पर यह अर्ध चाँद घंटा के समान प्रतीत होता है, अतः माता के इस रूप को माता चंद्रघंटा के नाम से जाना जाता है।