Faridabad NCR
रामनवमी पर वैष्णो देवी मंदिर में हुई मां सिद्धिदात्री की भव्य पूजा, हजारों श्रद्धालुओं ने चखा प्रसाद
Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : राम नवमी के शुभ अवसर पर महारानी वैष्णो देवी मंदिर में मां सिद्धिदात्री की भव्य पूजा अर्चना की गई. इस मौके पर मंदिर में पहुंचे भक्तों ने मां सिद्धिदात्री का आशीर्वाद ग्रहण किया . मंदिर संस्थान के प्रधान जगदीश भाटिया ने मंदिर में आने वाले सभी भक्तों को रामनवमी की हार्दिक शुभकामनाएं दी तथा उनका भव्य स्वागत किया. श्री भाटिया ने मंदिर में प्रात कालीन माता सिद्धिदात्री की पूजा अर्चना का शुभारंभ करवाया.
इस अवसर पर मंदिर में 101 कंजर्को को बिठाकर उनका पूजन किया गया, मंदिर में सुबह 8:00 बजे हवन यज्ञ का आयोजन आरंभ हुआ जो कि 12:00 बजे तक चला, इसके बाद मंदिर संस्थान के प्रधान जगदीश भाटिया ने भंडारे का आयोजन आरंभ करवाया .
रामनवमी के शुभ अवसर पर मंदिर में हजारों श्रद्धालुओं ने मां सिद्धिदात्री का आशीर्वाद ग्रहण किया तथा उनके दर्शन कर अपने मन की मुराद मांगी
इस अवसर पर श्री भाटिया ने भक्तों को मां सिद्धिदात्री के बारे में बताया कि हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार शक्ति की सर्वोच्च देवी माँ आदि-पराशक्ति, भगवान शिव के बाएं आधे भाग से सिद्धिदात्री के रूप में प्रकट हुईं। माँ सिद्धिदात्री अपने भक्तों को सभी प्रकार की सिद्धियों को प्रदान करती हैं। यहां तक कि भगवान शिव ने भी देवी सिद्धिदात्री की सहयता से अपनी सभी सिद्धियां प्राप्त की थीं। माँ सिद्धिदात्री केवल मनुष्यों द्वारा ही नहीं बल्कि देव, गंधर्व, असुर, यक्ष और सिद्धों द्वारा भी पूजी जाती हैं। जब माँ सिद्धिदात्री शिव के बाएं आधे भाग से प्रकट हुईं, तब भगवान शिव को र्ध-नारीश्वर का नाम दिया गया। माँ सिद्धिदात्री कमल आसन पर विराजमान हैं। मां की सवारी शेर है तथा अत्र-शस्त्र-चार हाथ – दाहिने हाथ में गदा तथा चक्र, बाएं हाथ में कमल का फूल शंख व शंख शोभायमान है। मां सिद्धिदात्री को शुद्ध देसी घी से बना हलवा पूरी पसंद है तथा मां को गुलाबी रंग अति प्रिय है. श्री भाटिया ने कहा कि जो भी भक्त सच्चे मन से मां सिद्धिदात्री का आशीर्वाद ग्रहण करते हुए अपने मन की मुराद मांगता है वह अवश्य पूरी होती है, इस अवसर पर प्रधान श्री भाटिया ने सभी श्रद्धालुओं को रामनवमी की हार्दिक बधाई दी.