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Faridabad NCR

पांचवें नवरात्रि पर मां वैष्णो देवी मंदिर में स्कंदमाता की हुई भव्य पूजा अर्चना

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Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : नवरात्रों के पांचवें दिन महारानी वैष्णो देवी मंदिर में स्कंदमाता की भव्य पूजा अर्चना की गई. इस मौके पर मंदिर में प्रात से ही भक्तों का तांता लगना आरंभ हो गया. मंदिर संस्थान के प्रधान जगदीश भाटिया ने मंदिर में आने वाले सभी भक्तों का भव्य स्वागत किया. श्री भाटिया ने अपनी उपस्थिति में स्कंदमाता की भव्य पूजा-अर्चना का शुभारंभ करवाया.

इस अवसर पर मंदिर में मां के दरबार में शेर सिंह भाटिया, सुरेंद्र गेरा, प्रीतम भाटिया, प्रदीप, चुन्नीलाल, उद्योगपति आरके बत्रा, विकास, गुलशन भाटिया, अमिताभ गुलाटी, राहुल मक्कड़, अंजू, गुलशन भाटिया, अमन तथा संदीप ने स्कंद माता के दरबार में हाजिरी लगाई तथा पूजा अर्चना में हिस्सा लिया. इन सभी ने स्कंद माता का आशीर्वाद ग्रहण किया.मंदिर संस्थान के प्रधान जगदीश भाटिया ने आए हुए अतिथियों को माता की चुनरी भेंट की.

इस अवसर पर भक्तों को मां कंद के बारे में बताया कि जब देवी पार्वती भगवान स्कंद की माता बनीं, तब माता पार्वती को देवी स्कंदमाता के रूप में जाना गया। वह कमल के फूल पर विराजमान हैं, और इसी वजह से स्कंदमाता को देवी पद्मासना के नाम से भी जाना जाता है। देवी स्कंदमाता का रंग शुभ्र है, जो उनके श्वेत रंग का वर्णन करता है। जो भक्त देवी के इस रूप की पूजा करते हैं, उन्हें भगवान कार्तिकेय की पूजा करने का लाभ भी मिलता है। भगवान स्कंद को कार्तिकेय के नाम से भी जाना जाता है।
सकंद माता का अन्य नाम- देवी पद्मासन है. उनकी सवारी- उग्र शेर है तथा अत्र-शस्त्र- चार हाथ – माँ अपने ऊपरी दो हाथों में कमल के फूल रखती हैं। वह अपने एक दाहिने हाथ में बाल मुरुगन को और अभय मुद्रा में है। भगवान मुरुगन को कार्तिकेय और भगवान गणेश के भाई के रूप में भी जाना जाता है. स्कंदमाता को केले का भोग अति प्रिय है। माँ जी का प्रिय रंग- हरा है इसलिए जो भी भक्त स्कंदमाता की सच्चे मन से पूजा करते हुए जो भी अरदास मांगते हैं वह अवश्य पूर्ण होती है.

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