Faridabad NCR
महान कवि संत सूरदास हमारी अनुपम धरोहर : नरेंद्र गुप्ता
Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 06 मई। फरीदाबाद से विधायक नरेंद्र गुप्ता ने कहा कि फरीदाबाद के सीही गांव में आज से 544 वर्ष पूर्व जन्मे महाकवि संत सूरदास हमारे देश कि नहीं विश्व हिंदी साहित्य की एक अनुपम धरोहर हैं हमें गर्व है की हमारे शहर फरीदाबाद में हिंदी के इस अनूठे संत का जन्म हुआ। इस महान संत के जीवन पर नजर डालें तो विश्वास नहीं होता की जन्म से नेत्र न होने के कारण उन्होंने सवा लाख पदों की रचना की। संत सूरदास का साहित्य में देश व समाज में फैले हुए वैमनस्य घृणा और कड़वाहट भरे परिवेश को आपसी भाईचारे एवं सद्भाव से भरने की प्रेरणा देता है। महाकवि सूरदास ने श्री कृष्ण की छवि को ग्रंथों से निकालकर हर घर के आंगन में विराजमान किया आज भारतीय जनमानस अपने बच्चों में श्री कृष्ण की छवि देखता है यह सब उनकी रचनाओं के माध्यम से ही हुआ है। मैं अपनी ओर से पूरा प्रयास करूंगा की सीही में स्थित महाकवि सूरदास स्मारक ट्रस्ट परिसर को एक गरिमा में पहचान मिले और यह स्थल सूर साहित्य अनुसंधान केंद्र के रूप में जान जाए। फरीदाबाद से विधायक नरेंद्र गुप्ता ने यह विचार महाकवि सूरदास की 544वी जयंती के अवसर पर हरियाणा साहित्य अकादमी द्वारा आयोजित सूरदास जयंती समारोह में व्यक्त किए।
अकादमी द्वारा सूरदास जयंती समारोह का शुभारंभ प्रातः 10:00 फरीदाबाद के सेक्टर 8 में स्थित सूर स्मारक स्थल में सूरदास प्रतिमा पर माल्यार्पण के साथ हुआ। महाकवि सूरदास की प्रतिमा पर माल्यार्पण करते हुए नरेंद्र गुप्ता ने यह विश्वास दिलाया सूर स्मारक ट्रस्ट के पुनर्निर्माण कार्य को शीघ्र पूरा करवाया जाएगा।
इस अवसर पर अकादमी द्वारा मैगपाई पर्यटक केंद्र फरीदाबाद में काव्य गोष्ठी का आयोजन भी किया गया। इस काव्य गोष्ठी में जयदेव शर्मा अध्यक्ष सूर्य स्मारक ट्रस्ट सीजी भी विशिष्ट अतिथि के रूप में विराजमान रहे। काव्य गोष्ठी में रचना पाठ करते हुए प्रसिद्ध गजलकार माधव कौशिक ने कहा की सूर तन मन सूर जीवन सूर्य ही पहचान है है सूर की अपने अस्मिता सुर ही हिंदुस्तान है।
वरिष्ठ कभी डॉ. उपकार सागर भारद्वाज में महाकवि सूरदास का आह्वान करते हुए का ससुर कवियों का है तू कवि तेरा काव्य है ईश्वर की छवि मेरा काव्य भी अपने जैसा बना मेरे गीत भी गाए तेरी ही कला।
प्रसिद्ध गजलकार हरेराम समीप का कहना था की आओ हम उजियार दे यह धरती यह व्योम तुम बन जाओ वर्तिका मैं बन जाऊं मोम।
कवि अलीम बेताब अंदाज ए बयां यूं था सुख-दुख सबके जीवन में आते जाते रहते हैं सुख दुख कभी जीवन में एहसास जरूरी होता है।
फरीदाबाद के प्रसिद्ध कवि दीपक गुप्ता ने कहा अगर मैं झूठ बोलूं तो मेरा किरदार मरता है जो बोलूं सच तो फिर भूखा परिवार मरता है।
अकादमी के महाकवि सूरदास सम्मान से सम्मानित सुदर्शन रत्नाकर की पिता कविता को भरपूर दाद मिली
पिता तो बरगद है और मैं कीकर, न टहनी या है न छाया फिर कौन आएगा मेरे पास कोई नहीं आएगा मेरे पास।
कन्या भ्रूण हत्या पर एक मार्मिक कविता प्रस्तुत करते हुए राकेश नमित ने कहा मुझे दुनिया में आने का अधिकार दे दो मां जो भाई को दिया तुमने मुझे वह प्यार दे दो मां तुम्हारे चाहने से ही तुम्हारी कोख में आई जन्म देकर मुझे जीने का उपहार दे दो मां।
गीतकार मोहन शास्त्री ने कहा चेहरे पर मुस्कान सजाकर रखना तुम बस इतनी पहचान बना कर रखना तुम देश हमारा रहे सुरक्षित यूं करना दिल में हिंदुस्तान बसा कर रखना तुम।
इसी क्रम में डॉ वेद व्यथित सुरेश कौशिक और और अंजू दुआ जैमिनी ने भी राष्ट्र प्रेम से पूर्ण कविता प्रस्तुत की। आसमा कॉल, इंदु गुप्ता, नमिता, राकेश, कमल कपूर,अजय अज्ञात,प्रदीप पराग सहित कई रचनाकारों ने अपनी कविताएं प्रस्तुत की।
फरीदाबाद के लेखकों का आभार प्रकट करते हुए अकादमी निदेशक डॉक्टर चंद्र त्रिखा ने आश्वासन दिलाया कि महाकवि सूरदास शोध संस्थान स्थापित करने के लिए अकादमी भरपूर प्रयास करेगी। इस अवसर पर अकादमी द्वारा महाकवि सूरदास पर प्रकाशित लघु पुस्तिका के अतिरिक्त श्रीमती कमल कपूर की तीन पुस्तकों का प्रथा श्रीमती आशा कॉल की दो कृतियों का लोकार्पण भी किया गया।