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गुरुओं ने बताया प्रेम मार्ग, प्रेम से भगवान् मिलेंगे : स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य

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Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : प्रेम से भगवान् को पाना सबसे सरल है। प्रेम मार्ग ही भक्ति का श्रेष्ठ मार्ग है यह बात जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य महाराज ने भक्तों के बीच कही। वह सूरजकुंड मार्ग स्थित श्री लक्ष्मीनारायण दिव्यधाम, श्री सिद्धदाता आश्रम में गुरु पूर्णिमा के दूसरे दिन भक्तों के बीच प्रवचन कह रहे थे।
स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य ने कहा कि भगवान् श्रीराम चंद्र जी ने शबरी के माध्यम से हमें बताया कि उन्हें भक्त बहुत प्यारे लगते हैं। वह अपने भक्तों के लिए चाकरी भी करने से पीछे नहीं हटते। उन्होंने भक्ति के प्रकार भी बताये और यह भी बताया कि प्रेमाभक्ति उन्हें सबसे प्रिय है| स्वामी जी ने बताया कि प्रेम उसके मन में ही उपजेगा जो गुरु की बातों को मानेगा। मानने के लिए सबसे पहले अपनी गलतियों को मानना पड़ेगा लेकिन मनुष्य की दिक्कत है कि पहले तो जानता नहीं है और फिर मानता नहीं है। उन्होंने अनेक उदाहरणों से बताया कि यह जन्म श्रेष्ठता का प्रमाण है इसका सदुपयोग करना चाहिए| इस अवसर पर जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य महाराज ने आश्रम की नयी मासिक पत्रिका सुदर्शन विचार का भी लोकार्पण किया।
इससे पहले उन्होंने मंदिर एवं समाधी स्थल पर वैकुंठवासी गुरु महाराज का ध्यान कर जनकल्याण के लिए प्रार्थना की। यहाँ देश विदेश से आये भक्तों ने गुरु पूजन किया। इस अवसर पर जयपुर से आये भजन गायक संजय पारीख के नए भजन नमन है बारम्बार का भी लोकार्पण गुरु महाराज ने किया। भजन गायक लोकेश शर्मा ने भी सुमधुर भजनों पर भक्तों को जमकर झुमाया। सभी भक्तों को श्री गुरु महाराज से आशीर्वाद एवं प्रसाद प्राप्त हुआ और सभी के लिए लंगर, फर्स्ट ऐड की व्यवस्था की गयी थी।

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