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श्री संकट मोचन हनुमान मंडल कैली धाम में हनुमान जन्मोत्सव बड़ी श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया गया

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Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : 12 अप्रैल। शहर के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल श्री संकट मोचन हनुमान मंडल, कैली धाम में इस वर्ष भी हनुमान जन्मोत्सव अत्यंत भक्ति, श्रद्धा और धूमधाम के साथ मनाया गया। यह आयोजन प्रतिवर्ष की भांति इस बार भी पूरे धार्मिक विधि-विधान और जनसमूह की भागीदारी के साथ सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत संस्था के संरक्षक मंडल के प्रमुख सदस्य श्री वी.एस. चौधरी, श्री अरुण बजाज, प्रेम प्रकाश गुप्ता, ओ. पी. भरतीया एवं संस्था के अध्यक्ष श्री पारसमल जी द्वारा दीप प्रज्वलन से की गई।

इस अवसर पर संरक्षक मंडल के सदस्यों ने कहा कि कलियुग में हनुमान जी ही एकमात्र ऐसे देव हैं जो जागृत देवता के रूप में पूजे जाते हैं। जो भी भक्त सच्चे मन से उनका स्मरण और सेवा करता है, उसकी हर प्रकार की समस्या समाप्त हो जाती है। यही कारण है कि उन्हें ‘संकट मोचन’ कहा जाता है। हनुमान जी का जीवन समर्पण, शक्ति, भक्ति और सेवा का प्रतीक है।

कार्यक्रम का विशेष आकर्षण 1101 ध्वजों की विशाल निशान यात्रा रही, जो शहर के प्रमुख मार्गों से निकलते हुए मंदिर परिसर तक पहुँची। इस शोभायात्रा में सैकड़ों श्रद्धालु बड़ी श्रद्धा और उत्साह के साथ सम्मिलित हुए। भक्तगण हाथों में ध्वज लेकर ‘जय बजरंगबली’ के जयकारे लगाते हुए चल रहे थे। यात्रा के दौरान मार्गों पर फूल वर्षा भी की गई, जिससे वातावरण पूरी तरह भक्तिमय हो गया। मंदिर पहुँचकर सभी श्रद्धालुओं ने हनुमान जी को निशान चढ़ाकर अपनी आस्था प्रकट की।

इसके पश्चात भव्य सुंदरकांड पाठ का आयोजन किया गया। पाठ में पवन जोशी, मुकेश वर्मा, घीसाराम खंडेलवाल, प्रफुल्ल शर्मा, देवचंद सैनी, शंभूनाथ पांडे, हनुमान प्रसाद, नरेश, रमेश, अरविंद शर्मा, ललित गर्ग, दीपक वर्मा सहित अनेक गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया और सुंदरकांड पाठ का श्रवण किया।
सुंदरकांड पाठ के उपरांत हनुमान चालीसा का सस्वर पाठ हुआ। मुख्य वक्ता ने अपने उद्बोधन में बताया कि सुंदरकांड और हनुमान चालीसा का पाठ केवल धार्मिक दृष्टिकोण से ही नहीं, बल्कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत लाभकारी होता है। उन्होंने बताया कि यह पाठ मानसिक तनाव को कम करता है, मन को एकाग्र करता है और सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है। बच्चों से लेकर वृद्धजनों तक सभी के लिए यह अत्यंत उपयोगी है।
पूजन और अन्य धार्मिक अनुष्ठानों का संचालन जेठमल, शैलेन्द्र पांडे, लक्ष्मीनारायण शर्मा और बृज बिहारी शर्मा द्वारा विधिपूर्वक सम्पन्न कराया गया। पूरी व्यवस्था को सुनियोजित ढंग से क्रियान्वित किया गया ताकि भक्तों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।

कार्यक्रम की भक्ति संध्या में भजन संध्या का भी आयोजन किया गया, जिसमें कैलाश नाथ जी के सानिध्य में भजन प्रवाहक गुलाब नाथ जी, योगेश तिवारी और मनीषा सैनी जैसे प्रसिद्ध भजन गायकों ने भावपूर्ण भजनों की प्रस्तुति दी। ‘राम नाम का प्याला पी ले’, ‘बजरंगबली की जय हो’ जैसे भजनों पर श्रद्धालु झूमते नजर आए। पूरा वातावरण भक्तिमय और संगीतमय हो गया। मंच संचालन घनश्याम आहूजा ने किया।

भंडारे की व्यवस्था श्री अशोक रावत, दीपक राठौड़, उत्तम शर्मा, सचिन, राजेंद्र मुंदड़ा, मदन गोपाल बंसल, संजय, पंकज द्वारा संभाली गई, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। प्रसाद वितरण के दौरान सभी व्यवस्थाएं अत्यंत अनुशासित और सुसंगठित रही।
कार्यक्रम में मुख्य भूमिका निभाने वाले कोऑर्डिनेशन कमेटी के सदस्य गौतम चौधरी, पवन कुमार गुप्ता, विनोद गर्ग, कैलाश शर्मा, प्रफुल्ल शर्मा आदि लोगों के निर्देशन में कार्यक्रम का सफल संचालन हुआ।

कार्यक्रम के अंतिम चरण में पूर्व प्रधान एवं कोऑर्डिनेशन कमेटी के सदस्य श्री पवन वशिष्ठ ने सभी श्रद्धालुओं और आमंत्रित अतिथियों का हार्दिक स्वागत किया। उन्होंने विशेष रूप से मंच पर आकर उपस्थित मेहमानों को फूलमालाएं पहनाकर और श्री हनुमान जी की प्रतीकात्मक छवि भेंट कर सम्मानित किया।
कार्यक्रम का समापन विश्व कल्याण की मंगलकामनाओं, भक्ति रस में डूबे वातावरण और प्रसाद वितरण के साथ सम्पन्न हुआ। उपस्थित श्रद्धालुओं ने इस आयोजन की खूब प्रशंसा की और कहा कि ऐसे धार्मिक आयोजनों से समाज में सद्भाव, शक्ति और सेवा की भावना का संचार होता है।
हनुमान जन्मोत्सव का यह पावन पर्व संपूर्ण नगरवासियों के लिए एक प्रेरणादायी और आध्यात्मिक अनुभव बनकर सामने आया।

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