Chandigarh Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 8 अगस्त- कोविड-19 संकट के दौरान भी हरियाणा महाधिवक्ता कार्यालय लोगों की शिकायतों को दूर करने व कोर्ट को हरसंभव सहायता मुहैया करवा रहा है ताकि मामलों का निपटान शीघ्र-अति-शीघ्र हो सके। जैसा कि कोर्ट भी अब डिजिटलाइजेशन की ओर अग्रसर होते हुए मामलों की सुनवाई वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से कर रहा है, इसी तरह हरियाणा महाधिवक्ता कार्यालय भी डिजिटलाइजेशन की ओर बढ़ते हुए ऐसे सभी जरूरी मामलों को निपटाने के लिए ऑनलाइन व डिजिटलाइजेशन का भरपूर उपयोग करते हुए तत्परता से मामलों को निपटाने की कार्रवाई में भागीदारी सुनिश्चित कर रहा हंै।
इस बारे में जानकारी देते हुए हरियाणा महाधिवक्ता श्री बलदेव राज महाजन ने बताया कि कोविड-19 के दौरान मार्च में पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने निर्णय लिया था कि सभी जरूरी केस मेंशनिंग (उल्लेख) के द्वारा सुने जाएंगे। सभी आवश्यक मामलों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोर्ट सुनेगी और असाधारण व जरूरी केस को ही सुना जाएगा। इसी को देखते हुए हरियाणा महाधिवक्ता कार्यालय ने भी निर्णय लिया और जरूरी व अति-आवश्यक प्रकृति के केस के लिए लॉ ऑफिसरों को ड्यूटी पर लगाया गया।
उन्होंने बताया कि शुरू में 5 से 10 मामले आते थे और इन मामलों को निपटाने के लिए एक या दो लॉ ऑफिसरों को लगाया गया था, लेकिन कोविड-19 की अवधि ज्यादा बढ़ने से शिकायतें भी बढ़ने लगी, तो कोर्ट ने अपना इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ाकर सुनवाई तेज कर दी। उन्होंने बताया कि अब लगभग 30 से ज्यादा कोर्ट चल रही है। उन्होंने बताया कि सुनवाई और केस की फाइलिंग ऑनलाइन ही चल रही है तथा सॉफ्टवेयर और ईमेल के माध्यम से ही केस की फाइल और मेंशनिंग (उल्लेख) हो रही है।
महाधिवक्ता ने बताया कि वर्तमान में प्रतिदिन 700 से 800 केस सुने जा रहे हैं तो हरियाणा महाधिवक्ता के सामने भी एक चुनौती रहती है। इसलिए आवश्यक केसों को निपटाने के लिए काम मंे तेजी लाई जा रही है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में जो केस फाइल हो रहे हैं उनमें 50 प्रतिशत से ज्यादा केसों में हरियाणा महाधिवक्ता कार्यालय एक ही दिन में विभाग से रिस्पॉन्स (प्रतिक्रिया) लेकर कोर्ट में बता रहा है। केस के संबंध में उसी दिन संबंधित विभाग को बताया जा रहा है ताकि जल्द से जल्द रिस्पॉन्स लेकर कोर्ट को बताया जा सके और उसी अनुसार कोर्ट को सहयोग किया जा रहा है। इस उद्देश्य के लिए कई विभाग लगातार काम कर रहे हैं जबकि हरियाणा महाधिवक्ता कार्यालय सुबह 5 बजे से लेकर रात 12 बजे तक वैकल्पिक आधार पर काम कर रहा है।
उन्होंने बताया कि संबंधित विभागों से रिस्पॉन्स लेकर और पेंडिंग को रिमाइंड करवाया जाता है। रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद संबंधित लाॅ ऑफिसर के पास भेज दिया जाता है ताकि कोर्ट में समय पर कार्रवाई हो सके। उन्होंने बताया कि इस समय पुलिस विभाग 24 घंटे काम कर रहा है और अपना रेस्पॉन्स भी दे रहा है। सुनवाई के समय पर ही कोर्ट को अवगत करवाया जा रहा है ताकि समय पर केस को निपटाया जा सके। इसी प्रकार, जेल विभाग भी 24 घंटे काम कर रहा हंै और ये सब प्रक्रियाएं आॅनलाईन चल रही है तथा आॅनलाइन ही पैरवी की जा रही है।
उन्होंने बताया कि कोविड-19 के मामले बढ़ते जा रहे हैं और फीजिकल डिस्टेंसिंग रखना अति-आवश्यक हैं क्योंकि जब स्वास्थ्य ठीक रहेगा, तभी हम किसी भी सिस्टम पर काम कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि वैसे तो हरियाणा डिजीटलाईजेशन में सबसे आगे है लेकिन अब डिजिटलाईजेशन पर इतनी जल्दी निर्भरता बढ़ जाएगी, इस बात का पता नहीं था। उन्होंने बताया कि टेक्नोलॉजी पर निर्भरता बढ़ने के कारण इनफ्रास्ट्रक्चर बढ़ाने की आवश्यकता है ताकि लोगों की शिकायतों को कोर्ट की सहायता से निपटाया जा सकें।
उन्होंने कहा कि कोविड-19 के कारण एडवोकेट काम नहीं कर पा रहे हैं और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ही सीमित काम चल रहा है। इस संकट के दौर में एडवोकेट की अपनी शिकायतें भी खड़ी हो गई हैं क्योंकि उनका काम नहीं चल रहा है और उनको वित्तीय कठिनाईयां आ रही हंै। उन्होंने कहा कि इसी दिशा में हरियाणा एडवोकेट वेलफेयर फण्ड एक्ट बना हुआ है और इस एक्ट मंे प्रावधान है कि मृत्यु के मामले और कोई गंभीर बीमारी होने पर ही वित्तीय सहायता दी जाती है। श्री महाजन ने बतया कि पिछले दिनों वेलफेयर ट्रस्ट कमेटी की बैठक हुई जिसमें यह निर्णय लिया गया है कि कोविड-19 के कारण एडवोकेट को जो कठिनाई आई है, ये दूसरी बीमारियों के मुकाबले असाधारण प्रकृति की है और वर्तमान में असाधारण परिस्थितियां बनी हुई हैं। इसलिए दो करोड़ रूपए की राशि ऐसे प्रभावित एडवोकेट सदस्यों को आर्थिक सहायता के रूप में वितरित की जाए।
उन्होंने बताया कि इसके लिए बैंक खाता संख्या सहित आवेदन आमंत्रित कर लिए गए हैं और इन आवेदनों की छंटनी चल रही है। जल्द ही यह वित्तीय सहायता उनके बैंक खातों में पहुंचाई जाएगी ताकि वर्तमान परिस्थिति के कारण आई दिक्कत में उनकी सहायता की जा सकें। उन्होंने बताया कि यह वित्तीय सहायता एकमुश्त उपाय के तौर पर दी जाएगी। इसके अलावा, इस राशि को वित्तीय सहायता के रूप में देने के लिए सरकार से अनौपचारिक (इन-फॉर्मल) तौर पर मंजूरी ले ली गई है। सरकार ने भी असाधारण परिस्थितियों को देखते हुए इस फंड्स को रिलीज करने की अपनी मंजूरी दे दी है।