Faridabad NCR
हरियाणा टूरिज्म कर्मचारी संघ संबंधित सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा का पर्यटन के समर्थन में धरना प्रदर्शन
Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : हरियाणा टूरिज्म कर्मचारी संघ संबंधित सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा का पर्यटन प्रशासन की मनमानी व वादाखिलाफी के खिलाफ व कर्मचारियों की लम्बित मांगों के समर्थन में तीसरा जोनल धरना होटल राजहंस में दिया गया। धरने की अध्यक्षता प्रधान मुरारी लाल व संचालन उप प्रधान डिगम्वर सिंह ने किया। धरने में फ़रीदाबाद,गुरुग्राम के कोंपलेक्शों व होडल और कैथल से आये कर्मठ कर्मचारियों ने प्रशासन से कई दौर की वार्ता के बाबजूद माँगों को पूरा ना करने के ख़िलाफ़ ज़ोरदार प्रदर्शन कर पर्यटन प्रशासन के ख़िलाफ़ गहरी नाराजगी प्रकट की।धरने को संबोधित करते हुए यूनियन के राज्य प्रधान सुरेश कुमार नोहरा,चेअरमैंन मित्रपाल राणा और महासचिव सुभाष देशवाल ने बताया कि टूरिज्म कर्मचारियों की सातवें वेतन आयोग के अनुसार मकान किराया भत्ता, वेतन का केंद्रीयकरण, सेवा नियम, सभी कैटेगरीओं की पदोन्नति, कैशलेस मेडिकल सुविधा, निगम में कर्मचारियों की पक्की भर्ती व पर्यटन परिसरों का निजीकरण करने जैसी माँगो का समाधान करने की बजाय कर्मचारियों के भारी विरोध के बावजूद बेशकीमती पर्यटक स्थलों का निजीकरण करने पर आमादा है। इसके अलावा पर्यटन विभाग द्वारा संचालित आईएचएम रोहतक व फरीदाबाद में रिटायर्ड प्रिंसिपलो को नियमों के विरुद्ध नियुक्ति देकर पर्यटन प्रशासन ने व्यक्तिगत लाभ पहुंचाने का काम किया है,जबकि न्यायालय ने इनकी नियुक्ति को सरकार की पॉलिसी के विरुद्ध मानकर निरस्त कर पद से हटा दिया है और हरियाणा टूरिज़्म कर्मचारी इसकी गहनता से जांच की माँग करता है।
संघ के वरिष्ठ उप प्रधान युद्धवीर खत्री, उप प्रधान दिगंबर डागर व प्रेससचिव टीकाराम शर्मा ,सं सचिव लच्छीराम उप प्रधान देवेंदर सिंह और कार्यालय सचिव विरेंदर शर्मा ने बताया कि टूरिज्म के कर्मचारी चाहे कोरोना काल में दिन रात कार्य करने की बात हो, चाहे वर्ष में (अब दो बार) लगने वाला इंटरनेशनल मेला हो चाहे राष्ट्रीय स्तर के सरकारी कार्यक्रम हो उन को सफल बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ते। बावजूद इसके पर्यटन निगम में आज तक सेवा नियम नहीं बने हैं। जिसका बहाना लेकर फील्ड में कार्यरत कर्मचारियों की 25 -30 वर्ष नौकरी पूरी होने पर भी प्रमोशन नहीं की जाती जबकि मुख्यालय में मनमर्जी से अपने अनुसार नियम बनाकर अधिकारियों की पदोन्नति कर लेते हैं। अभी हाल ही में पर्यटन निगम में एजीएम नाम का कोई पद ना होते हुए भी चार एजीएम प्पदोन्नत किए गए यह इसका ताजा उदाहरण है। पिछले 25 साल से पर्यटन निगम में किसी भी कर्मचारी की कोई भर्ती नहीं हुई। इसमें पक्की भर्ती होनी चाहिए। जो कर्मचारी काम कर रहे हैं उनके ऊपर भी काम का काफी बोझ है। वेतन मिलने में लगातार भेदभाव हो रहा है। मुख्यालय के कर्मचारियों को व कुछ पर्यटन केंद्रों में वेतन समय पर मिल जाता है। बाकी जहां फंड की कमी रहती है वहां 2 से 3 महीने तक कर्मचारियों को वेतन के लिए इंतजार करना पड़ता है। यूनियन की माँग है निगम सभी कर्मचारियों का वेतन एक साथ जारी हो। ताकि परिवार के भरण-पोषण करने में कोई दिक़्क़त ना हो ।इसलिए पर्यटन प्रशासन के इस रवैये के खिलाफ व अपनी मांगों के समर्थन में हरियाणा टूरिज्म कर्मचारी संघ सर्व कर्मचारी संघ की मदद से आंदोलन कर रहा है। जिसके 30 अक्टूबर को माननीय पर्यटन मंत्री निवास यमुनानगर मैं जोरदार धरना प्रदर्शन करके पर्यटन प्रशासन की पोल खोलेंगे। धरने को राज्य कमेटी के नेता, सुरेंद्र चांदना, अशोक कुमार,सतीश गोरियाँ,कल्लूराम, महाबीर, विजेंदर, उदय सिंह, रामजीत, मनोज, रतिपाल, व अमित कुमार आइ अच ऐम रोहतक आदि नेताओं ने भी संबोधित किया। लम्बित माँगों व ग़लत नीतियों के विरुद्ध कर्मचारियों ने प्रबंध निदेशक के नाम डी जी ऐम राजहंस को ज्ञापन दिया।