Faridabad NCR
नेताजी की जयंती 23 जनवरी पर हरियाणा बोलेगा- जयहिन्द बोस : सूरजपाल अम्मू
Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 21 जनवरी। नेताजी जी की जयंती 23 जनवरी को हरियाणा बोलेगा- जयहिन्द बोस। कांग्रेस ने आजादी की लड़ाई का इतिहास छुपाया और अपने कुछ नेताओं को आजादी का श्रेय दिया। नेताजी की जयंती को पराक्रम दिवस के रूप में मनाकर हर गाँव और वार्ड में कार्यक्रमों के माध्यम से स्वतंत्रता दिवस के वीरों का इतिहास और उनकी शौर्य गाथाएं लोगों तक पहुंचाई जाएँगी। 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में अंग्रेजों द्वारा बल्लभगढ़ के राजा नाहर सिंह और उनके दो सेनानियों गुलाब सिंह सैनी और भूरा बाल्मीकि को चांदनी चौक में 9 जनवरी के दिन फांसी पर लटका दिया गया था। भाजपा प्रदेश प्रवक्ता सूरजपाल अम्मू ने जिला कार्यालय पर आयोजित प्रेस वार्ता में यह कहा। प्रेस वार्ता में जिला अध्यक्ष गोपाल शर्मा, जिला महामंत्री मूलचंद मित्तल, आर एन सिंह, बिजेन्द्र नेहरा, जिला मीडिया प्रभारी विनोद गुप्ता,जिला सह प्रभारी राज मदान मुख्य तौर पर उपस्थित रहे। अम्मू ने प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि 23 जनवरी को नेता जी सुभाष चंद बोस की 125 वी जयंती पर प्रदेश भर में 7800 स्थानों पर 6 लाख लोग आजाद हिंद फौज का तराना गाकर नेताजी व उनकी आजाद हिंद फौज से जुड़े स्वतंत्रता सेनानियों को याद करेंगे। प्रदेश के 6 लाख लोग 23 जनवरी को नेताजी को जयहिन्द बोस बोलेंगें। इसके लिए प्रदेश के हर वार्ड और गांव में प्रमुख तय किये गए हैं और 2-2 भाजपा कार्यकर्ताओं की ड्यूटी निर्धारित कर दी गई है। हर कार्यक्रम में 75 – 75 लोग रहेंगे। देश आजादी के 75वें वर्ष को अमृत महोत्सव के रूप में मना रहा है। इस महोत्सव के तहत हरियाणा भारतीय जनता पार्टी ने भी ऐसे स्वतंत्रता सेनानियों को इतिहास में जगह दिलाने और इनकी शौर्य गाथाओं को घर-घर पहुंचाने का बीडा उठाया है, जिसे कोंग्रेस द्वारा देश से छुपाया गया। इस पूरे अभियान का नेतृत्व हरियाणा भाजपा के यशस्वी प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ स्वयं कर रहे हैं। देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज नेशनल वार मेमोरियल पर नेता जी सुभाष चन्द्र बोस का स्टेचू लगाने की घोषणा कर उनका सम्मान देने का कार्य किया है । अम्मू ने कहा कि आजाद जींद फौज में देश के 26000 सैनिक थे। आज़ाद हिन्द फौज में हरियाणा के लगभग 2,715 सैनिक शामिल थे, जिनमें 398 अफसर और 2,317 जवान थे। उस समय के गुड़गाँव जिले से (गुड़गाँव, फरीदाबाद, पलवल, मेवात, रेवाड़ी, महेन्द्रगढ़) 106 अफसर तथा 580 जवानों सहित कुल 686 सैनिक इस मुक्ति सेना का हिस्सा बने। इन वीरों ने ‘मित्र राष्ट्रों की सेनाओं से जमकर लोहा लिया। जनवरी 1944 में आज़ाद हिन्द फौज की सुभाष ब्रिगेड को प्रमुख सेनानी शाहनवाज खां के नेतृत्व में अंग्रेज़ों से सशस्त्र युद्ध करने का अवसर प्राप्त हुआ। आज़ाद हिन्द फौज की ओर से लड़ते हुए इस पवित्र युद्ध में हरियाणा के कुल 22 वीर अफसर तथा 324 बहादुर जवान वीरगति को प्राप्त हुए। आजाद हिंद फौज के आठ सैनिक आज भी जिंदा है। जबकि 321 सैनिकों की विरांगनाएं आजाद हिंद फौज में सैनिक रहे अपने वीर पतियों की शौर्य गाथा सुनाने के लिए जिंदा है।
जिला अध्यक्ष गोपाल शर्मा ने कहा कि फरीदाबाद में 40 वार्डों में और 92 गांवों कुल 132 स्थानों पर सुबह 9.30 -10.30 बजे के बीच कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। फरीदाबाद के सभी वरिष्ठ नेता मंत्री,विधायक, प्रदेश व जिले के पदाधिकारी किसी ना किसी वार्ड या गाँव में आयोजित कार्यक्रम में रहेंगें। केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर वार्ड 26, कैबिनेट मंत्री मूलचंद शर्मा बल्लभगढ़ शहर के वार्ड 36, जिला अध्यक्ष गोपाल शर्मा बल्लभगढ़ के वार्ड 37, विधायक सीमा त्रिखा बडकल विधानसभा के वार्ड 15, विधायक नरेन्द्र गुप्ता फरीदाबाद विधानसभा के वार्ड 29, राजेश नागर तिगांव विधानसभा में रहेंगे। प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ के नेतृत्व में प्रदेश पदाधिकारियों की काला पानी यात्रा के दौरान में शहीदों के साथ हुए भयंकर अत्याचार और उनके नृशंस हत्याकांड की वो कहानी सामने आई, जो देशवासियों से आज तक छुपी हुई है। 1943 में कालापानी की इस पवित्र भूमि पर नेताजी ने झंडा फहराया था। अपनी यात्रा के दौरान उन्होंने वहां पर नेताजी को नमन किया और जयहिन्द बोस बोला। वर्ष 1908 के बाद स्वतंत्रता के लिए हुई अलग-अलग 120 घटनाओं के सेनानियों को बंदी बनाकर काला पानी भेजा गया। इनका रिकार्ड अंडमान की सेलूलर जेल में फोटो सहित उपलब्ध है, लेकिन इन वीरों की कहानी आजादी के बाद भी देश के सामने नहीं आने दी गई। वहां से लाकर कालापानी की सेलुलर जेल की पवित्र मिट्टी हरियाणा के सभी जिलों में भेजी, जिसे भाजपा कार्यकर्ताओं ने अपने मस्तक से लगाया। फरीदाबाद जिला पदाधिकारियों का दल फरीदाबाद के गुरुकुल स्थित इन्द्रप्रस्थ आश्रम गया और उस कोठरी में सुभाष चन्द्र बोस को नमन किया जहाँ आजादी की लड़ाई के समय में नेताजी 8 दिनों तक अज्ञातवास में रहे थे। कालापानी में वर्ष 1858 से लेकर वर्ष 1910 तक बंदी बनाकर काला पानी भेजे जाने वाले इन सेनानियों के नामों का रिकार्ड भी नहीं है। उन्होंने बताया कि 3 लाख 27 हजार सेनानियों ने आजादी के लिए बलिदान दिया। जिसमे से 13500 लोगों को कानूनी तरीके से सजा देकर और तीन लाख से ज्यादा स्वतंत्रता सेनानियों को बिना रिकोर्ड दर्ज किए मारा गया। धोखे की मानसिकता वाली कांग्रेस ने जिस स्थान पर नेता जी ने झंडा फहराया था, उस पर प्रतिबंध लगाते हुए इसे ‘डी सेरोमोनियल’ घोषित कर दिया था। वरिष्ठ भाजपा नेता भेरों सिंह शेखावत ने वहां पर झंडा फहराकर इस प्रथा को ख़त्म किया। जय हिन्द बोस बोलकर स्वतंत्रता संग्राम में सपना सर्वस्व न्योछवर करने वाले शहीदों के प्रति अपनी कृतज्ञता जाहिर करेंगे जिनके कारण आज हम आजादी की खुली हवा में साँस ले रहे हैं। शहीदों और उनके परिवारों का सम्मान करना और आजादी की लड़ाई में उनके बलिदान के लिए सभी स्वतंत्रता सेनानियों का सम्मान करना हमारा नैतिक फर्ज है। 23 जनवरी को पुरे प्रदेश में नेताजी सुभाष चन्द्र बोस और अन्य शहीदों का सम्मान कर उनकी वीर गाथाएं जन जन तक पहुचएंगें।