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Faridabad NCR

हार्टफेल विदेशी मरीज की एसएसबी अस्पताल ने बचाई जान

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Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : नीलम चौक स्थित एसएसबी हार्ट एवं मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल के अनुभवी डाक्टरों ने एक नया कीर्तिमान रचते हुए हार्ट फेल 37 वर्षीय ईराकी मरीज को नया जीवन देने का काम किया है। मरीज को जब अस्पताल लाया गया, तब उसकी हालत बहुत खराब थी वो बिस्तर पर लेट भी नहीं पा रहा था। लेटने पर उसे तेज खांसी व सीने में दर्द होता था तथा उसे सांस लेने में भी परेशानी हो रही थी। मरीज के सम्बन्धियों के अनुसार पिछले एक साल से मरीज की हार्ट समस्या बिगड़ी हुई थी। अस्पताल लाने के बाद अस्पताल के सीनियर कार्डियोलोजिस्ट व अस्पताल के सी.एम.डी डा. एस.एस. बंसल ने रोगी की जांच की और उनका ईकोकार्डियोग्राफी टेस्ट किया गया। मरीज की ईको रिेर्पोट में पाया गया की मरीज को दिल केवल 20 प्रतिशत काम कर रहा था तथा उसका ट्राइकसपिड बाल्ब बहुत अधिक लीक कर रहा था। मरीज को पहले से ही (2018 में) इम्पलान्ट लगा हुआ था जिसको आई.सी.डी. कहते है। डा. बंसल द्वारा मरीज की एंजियोग्राफी की गई जिसमें मरीज की हृदय की धमनियों में कोई ब्लॉक नही पाया गया, परन्तु मरीज का बी.एनपी (1110 पीजी/एमएल) पाया गया जो कि सामान्य से बहुत अधिक था। मरीज हार्ट की समस्या से बहुत ही परेशान था तथा वह बिस्तर से उठ भी नहीं पाता था। डा. बंसल ने मरीज तथा उसके परिजनों से विचार विमर्श करके मरीज को सीआरटीडी लगाने का निर्णय लिया। सीआरटीडी को सफलतापूर्वक मरीज में लगा दिया गया। सीआरटीडी लगाने के बाद मरीज की हालत में तेजी से सुधार हुआ तथा मरीज के हृदय की पंपिंग पावर जो की पहले 20 प्रतिशत थी अब बढक़र 35 प्रतिशत हो गयी। डा. बंसल ने बताया कि सीआरटीडी डिवाइस उन मरीजों के लिए वरदान है जिनकी हार्ट की पावर कम हो जाती है तथा इससे अचानक हृदय रूकने से होने वाली मृत्यु की खतरा भी कम हो जाता है। डा. बंसल ने बताया कि सीआरटीडी डिवाइस में एक विशेष इलेक्ट्रोड भी होता है जिसे हृदय के बाएं और दाएं कक्ष में रखा जाता है ताकि दोनों हृदय कक्षो में संतुलित समीकरण बना रहे। यह हृदय को अधिक कुशलता से पंप करने में मदद करता है और रोगी को अच्छी जीवनशैली जीने में मदद करता है जैसा कि हमने अपने इस रोगी में देखा है। उन्होंने कहा कि उन्हें खुशी है कि उनके अस्पताल में आए विदेशी मरीज को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करवाकर उन्हें नया जीवन देने का काम किया गया है, जिसके लिए व अस्पताल के सभी डाक्टरों व नर्सिंग स्टाफ को भी बधाई देते है।
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