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महामहिम राज्यपाल ने 37वें सुरजकुंड अंतर्राष्टï्रीय शिल्प मेला-2024 का किया विधिवत समापन

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Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : 18 फरवरी। हरियाणा के महामहीम राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि सूरजकुंड अंतर्राष्टï्रीय शिल्प मेले के इस भव्य आयोजन का हिस्सा बनना हम सबके लिए हमेशा सम्मान की बात है। शिल्पकार व कारीगर और बुनकर बिचौलियों की भूमिका के बिना अपने पारंपरिक शिल्प को संभावित खरीदारों, पारंपरिक कला और शिल्प के संरक्षकों को सीधे बेचने में सक्षम और सफल हुए हैं, जो सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेले का मूल सार का उद्देश्य है। महामहीम राज्यपाल रविवार को 37वें सुरजकुंड अंतर्राष्टï्रीय शिल्प मेला-2024 के समापन अवसर पर बतौर मुख्यातिथि बोल रहे थे।
महामहीम राज्यपाल ने कहा कि सूरजकुंड मेले के आयोजकों द्वारा इस भव्य एवं शानदार मेले की सफलता के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी गई है। उन्होंने कहा कि हर बार लगता है कि इस मेले का आकार और कद बढ़ रहा है, क्योंकि 37वें सूरजकुंड अंतर्राष्टï्रीय शिल्प मेले के दौरान लगभग पचास देशों ने भाग लिया, जो एक प्रभावशाली संख्या है और वसुधैव कुटुम्बकम की भारतीय अवधारणा को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि इस बार मेले में संयुक्त गणराज्य तंजानिया ने साझेदार राष्टï्र के रूप में भाग लिया और अपने देश के सर्वोत्तम शिल्प और संस्कृति का प्रदर्शन किया। मेले में उनकी उपस्थिति अफ्रीकी संघ के साथ भारत के जुड़ाव को भी दर्शाती है। भारतवर्ष के साथ तंजानिया का एक गहरा रिश्ता है, जो दिन प्रतिदिन और मजबूत हो रहा है।
राज्यपाल ने कहा कि गुजरात ने थीम राज्य के रूप में भाग लेकर अपनी अहम भूमिका निभाई और कला, शिल्प, व्यंजन और प्रदर्शन कला का अपना गुलदस्ता प्रदर्शित किया। यह राज्य अपनी सांस्कृतिक विविधता और भव्यता के लिए प्रसिद्ध है। साथ ही इस वर्ष हमारे आठ उत्तर पूर्वी राज्यों ने हमारी अष्टलक्ष्मी सांस्कृतिक भागीदार के रूप में भाग लिया। इन सभी आठ राज्यों नामत: अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम और त्रिपुरा ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करके अपनी कला और प्रतिभा का लोहा मनवाया। यह हम सब कला और संस्कृति के प्रेमियों के लिए बेहद खुशी की बात है कि 1987 में पहली बार शुरू होने के बाद से यह मेला बहुत तेजी से आगे बढ़ा है और इसने लोगों के दिलों-दिमाग में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। मामूली सी शुरुआत से आगे बढक़र इस मेले ने विश्व-प्रसिद्ध शिल्प मेले तक के अपने सफर को तय किया। उन्होंने कहा कि एक साधारण विचार को इतनी वैश्विक कला और शिल्प में बदलने पर हमें गर्व का अनुभव होता है।
इस अवसर पर विधायक राजेश नागर, पर्टयन विभाग के प्रधान सचिव एम.डी. सिन्हा, उपायुक्त विक्रम सिंह, पुलिस विभाग के डीसीपी अमित यशवर्धन, पर्यटन निगम के प्रबंधक निदेशक नीरज कुमार, जिला सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी राकेश गौतम, पुलिस प्रवक्ता सूबे सिंह सहित अनेक गणमान्य नागरिक एवं अधिकारीगण मौजूद रहे।

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