Faridabad NCR
पेड़ नहीं लगाओगे तो हरियाली तीज कैसे मनाओगे : जसवंत पवार
Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : 7 जुलाई। पूरे उत्तर-भारत में तीज पर्व बड़े हर्षो उल्हास व उत्साह और धूमधाम से मनाया जाता है। इस त्योहार को श्रावणी तीज और हरियाली तीज के नाम से भी जाना जाता है। सावन लगते ही विवाहित महिलाएं पीहर बुला ली जाती हैं। हरियाली तीज से एक दिन पहले द्वितीया का श्रृंगार दिवस के रूप में मनाया जाता है, जिसे सिंजारा कहते हैं। तीज वाले दिन महिलाएं लहरिया की साड़ी और आभूषणों से सुसज्जित होकर अपनी सखी-सहेलियों के साथ शाम के समय किसी पेड़ पर झूला डाल कर झूला झूलते हुए हरियाली तीज के गीत गाती हैं। लेकिन घरों के आसपास पेड़ ना होने के कारण यह त्योहार हमारा फीका पड़ता जा रहा है।
इसी कार्य को आगे बढ़ाते हुए सांसे फाउंडेशन कई वर्षों से लगातार पौधे लगा रहा है और उनकी देखभाल करके उनको वृक्ष बना रहा है , सांसे फाउंडेशन के द्वारा लगातार शहरवासियों और ग्रामीणों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करते हुए ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाने की अपील कर रहा है। आज महिलाए किसी भी कार्य क्षेत्र में पीछे नही है एवं पर्यावरण क्षेत्र में भी अच्छा कार्य कर रही है और हरियाली तीज जैसे त्योहारों को बचाने के लिए महिलाएं अपने घर के सामने एक पौधा जरूर लगाएं
सांसे मुहिम के संयोजक जसवंत पवार ने कहा कि आने वाले भविष्य को अगर हमें शुद्ध वायु और हरियाली तीज जैसे त्योहार आने वाली पीढ़ी को देने है तो हमें ज्यादा से ज्यादा पौधारोपण करना चाहिए एक व्यक्ति को अपने जीवन में एक पौधा जरूर लगाना चाहिए और उस पौधे की देखभाल करके उसको वृक्ष बनाना चाहिए।