Faridabad NCR
श्री सिद्धदाता आश्रम के संस्थापक स्वामी सुदर्शनाचार्य जी महाराज की पुण्यतिथि पर विशाल स्वास्थ्य जांच शिविर आयोजित
Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : भक्ति, ज्ञान और ध्यान जिस प्रकार से योग हैं वैसे ही भगवान के नाम पर की जाने वाली सेवा भी योग बन जाती है। इसलिए जब भी और जहां भी सेवा करें, उसे भगवान के नाम पर समझकर करें। यह बात जगदगुरु स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य जी महाराज ने कही। वह यहां श्री सिद्धदाता आश्रम में संस्थापक वैकुण्ठवासी स्वामी सुदर्शनाचार्य जी महाराज की पुण्यतिथि पर भक्तों को संदेश दे रहे थे।
उन्होंने कहा कि अध्यात्म में योग का अर्थ भगवान के साथ जुडऩा है। इसके लिए हम जब भी भावपूर्ण तरीके से भगवान के साथ किसी विधि को करते हैं तब वह योग बन जाता है। स्वामीजी ने कहा कि भक्त प्रहलाद ने नौ प्रकार की भक्ति बताई है वहीं श्रीराम भगवान ने रामायण में भक्त शबरी को नवधा भक्ति का ज्ञान दिया है। अर्थ यही है कि भगवान की आराधना करने के अनेक साधन हैं। किसी भी साधन को अपना लें, भगवान तो केवल भाव देखते हैं।
इस अवसर पर उन्होंने वैकुण्ठवासी गुरु महाराज की शिक्षाओं पर प्रकाश डाला और श्री सिद्धदाता आश्रम को उनका ही शरीर बताया। उन्होंने कहा कि गुरु महाराज यहीं हैं। संतों का मरण नहीं होता। वह भगवान के निर्देश पर लीला शरीर धारण करते हैं और कार्य को पूर्ण कर लीला को समेट लेते हैं। उन्होंने सभी को श्री गुरु महाराज की शिक्षाओं को अपने जीवन में धारण कर मानवता अपनाने पर बल दिया।
इससे पहले जगदगुरु स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य जी महाराज ने श्री लक्ष्मीनारायण दिव्यधाम में स्थित गुरु महाराज के दिव्य विग्रह एवं उनकी समाधि स्थल पर पूजा अर्चना की और एक विशाल चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें एसएसबी अस्पताल के सीजीएम योगेश शर्मा के नेतृत्व में आए वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ विनय कुमार पांडे, वरिष्ठ कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ अभिषेक बंसल, फिजिशियन डॉ अमित गुप्ता, स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ कुमरी आदि ने लोगों के स्वास्थ्य की जांच की। शिविर में मानव रचना डेंटल कॉलेज की टीम सहित अन्य दर्जनों चिकित्सकों ने अपनी सेवाएं प्रदान कीं।