Faridabad NCR
कानून व्यवस्था नहीं संभाली जा रही तो सत्ता छोड़ चुनाव करवाए बीजेपी : राजेंद्र शर्मा
Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : आम आदमी पार्टी के प्रदेश संगठन मंत्री राजेंद्र शर्मा ने हरियाणा में असुरक्षित नेतृत्व में चल रही सरकार को लेकर बीजेपी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि आज पूरे प्रदेश में कानून और सरकार का नहीं, बल्कि जंगलराज चल रहा है। पूरे हरियाणा में ऐसी घटनाएं हो रही हैं जो सरकार को शर्मसार करने के लिए काफी हैं। हरियाणा फिरौती बाजों का सेफ हेवन बन गया है। जगह जगह पर फायरिंग की घटनाएं हो रही हैं। पिछले कई दिनों में ऐसे वीडियो सामने आए हैं जैसे कोई फिल्म की सूटिंग चल रही हो। प्रदेश में ऐसी घटनाएं हुई जिसमें फायरिंग करके व्यापारियों में भय पैदा करने की कोशिश की जा रही है और उसके बाद उनसे फिरौती मांगी जाती है। यहां जारी पे्रस बयान में उन्होंने कहा कि हिसार में सारे व्यापारियों ने अपराधियों के डर से बाजार भी बंद किया, क्योंकि वहां 3 व्यापारियों से फिरौती मांगी गई थी। लेकिन ये फिरौती बाज कौन है उन तक अभी भी पुलिस नहीं पहुंच पाई है। अभी तक जो घटनाएं हुई क्या वो किसी एक गिरोह से जुड़ी हुई हैं? क्या उसको किसी की सह प्राप्त है? इसकी जांच करके पुलिस सामने नहीं रख पाई है। हरियाणा में कानून व्यवस्था की बुरी हालत की सबसे बड़ी वजह पुलिस फोर्स की कमी नजऱ आती है। हरियाणा में पुलिस के 70 हजार स्वीकृत पद हैं, जिनमें से 20 हजार पद खाली पड़े हैं। जिसमें सिर्फ कांस्टेबल और हेड कांस्टेबल के पद नहीं हैं। बल्कि इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर्स की भी भारी कमी है। उन्होंने कहा कि जब से नायब सिंह मुख्यमंत्री बने हैं वो सारी स्थिति को कंट्रोल कर पाने में नाकाम हैं। सीएम नायब सिंह न तो कानून व्यवस्था संभाल पा रहे और न ही पॉलिटिकली अपनी सरकार को स्टेबल रख पा रहे हैं। जो अफसर जगह जगह पर संवाद कर रहे हैं उनसे उनके स्थानीय नेता नाराज हैं कि यहां कोई काम नहीं हो रहा है। अनिल विज तो गृह मंत्री के पद से हटकर घर पर खाली बैठे हैं और नायब सिंह उनके तजुर्बे का इस्तेमाल भी नहीं करना चाहते। कहीं न कहीं सीएम नायब सिंह के मन में डर है कि अनिल विज का जो अनुभव है यदि गृह मंत्रालय जैसा विभाग उनके हाथ में दे दिया तो कहीं वो पूरी सरकार ही उनके पैरों तले से न खींच ले। इस वक्त बीजेपी हरियाणा में हार का डर से घबराई हुई है। उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार एक असुरक्षित नेतृत्व में चल रही है, जिसका न कानून व्यवस्था पर कंट्रोल है। न लोगों की समस्याओं का समाधान कर पा रहे हैं। जो सिर्फ चुनाव नजदीक देखरेख तरह तरह की नौकरियों की घोषणा और लुभावने वादे करने में लगे हुए हैं जिसे सरकार कभी भी पूरा नहीं कर सकती।