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Faridabad NCR

समाधान नहीं निकला तो शांतिपूर्ण तरीके से मजबूत आंदोलन करने की तैयारी रखें: विजय प्रताप

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Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : सूरजकुण्ड गोल चक्क र हुई महापंचायत के एक महीना पुरा होने के बाद निरंतर चल रहे धरने पर रविवार को गांव अनंगपुर की चौपाल पर बड़ी मीटिंग का आयोजन किया गया। पंचायत को सम्बोधित करते हुए विजय प्रताप ने कहा कि एक महिना बीतने के बाद अभी तक कोई ठोस आशवासन नहीं मिला है। इस मसले को लेकर एक प्रतिनिधिमण्डल दोबारा जनप्रतिनिधियों से मिले और जानकारी ले अगर किसी कॉमन स्थान पर जनप्रतिनिधि प्रतिनिधि मण्डल से मिलना है तो अगर समिति कहेगी तो वह भी इस मसले को लेकर जनप्रतिनिधियों से मिल कर समस्या का समाधान निकालने के लिए तैयार है
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश में लोगों की आबादी को उजाडऩे के लिए नहीं कहा गया है। अधिकारी अपने स्तर पर ही काम करते रहे , जनप्रतिनिधियों ने इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया । सुप्रीम कोर्ट का आर्डर तो 2022 में आ गया था लेकिन 2024 में आने वाल चुनावो के चलते मामले को लटका दिया गया था। सन 1900 में अंग्रेजो के समय में भूमि को सरंक्षण देने के लिए पीएलपीए बनाया गया उस समय ये जॉइंट पंजाब जिसका बड़ा हिस्सा अब पाकिस्तान में है पर लागू था और इसकी मियाद एक बार में केवल 30 साल के लिए तय की गई थी ताकि लोगो की भूमि का स्वामित्व वन विभाग ना हड़प ले इसी पीएलपीए के तहत अनंगपुर की १४६७ एकड़ भूमि पर १९९२ में ३० वर्षों के लिए लगाया गया था। जोकि २०२२ में समाप्त हो चुका हैं इसको रिन्यू करने का कोई मामला नहीं है। उन्होनें महापंचायत में रखी गई मांगों को लेकर कहा कि सरकार तोडफ़ोड़ की कार्रवाई पर रोक लगाए। टूटे हुए निर्माणों का सरकार मुआवजा दे, 4500 एकड़ पहाड़ में से 2 हजार एकड़ पीएलपीए फोरस्ट में देकर 2500 एकड़ जोकि ग्रामीणों की है वह गांव के लोगों के इस्तमाल के लिए छोड़ी जाए। सरकार आर्डिनेस लाए और सुप्रीम कोर्ट से राहत दिलवाए। महापंचायत के बाद मुख्यमंत्री जी जनप्रतिनिधियों के साथ केन्द्रीय मंत्री कृष्णपाल जी मिले है उन्होंने आशवासन देते हुए तीन बार गरीब लोग बोल कर कहा था कि इन गरीबों के मकान ना तोड़े जाए ये सुप्रीम कोर्ट से आग्रह सी ई सी के माध्यम से हरियाणा सरकार करेगी इस बात से शंका होती है की हरियाणा के मुखिया जी को पुरी जानकारी नहीं दी गई थी कि तभी उन्होंने कहा कि गरीब लोग बसे हैं उन्हें उजाड़ा नहीं जाएगा। लेकिन 1960 से यहां फैक्ट्रियां लगी पड़ी हैं एतिहासिक गांव अनंगपुर ऐसा गांव है जिसने अपनी सैंकड़ों एकड़ी भूमि तो गुरूकुल को दान दे दी थी। उन्होनें लोगों से आहवान किया अगले हफ्ते एक प्रतिनिधि मण्डल अपने जनप्रतिनिधियों से मिले और पूछे की एक महिना बीत गया है। आपके आशवासन का क्या हुआ। अगर समस्या का समाधान नहीं निकला तो वह शंतिपूर्ण आंदोलन की तैयारी करे। पंचायत की अध्यक्षता अंनगपुर संघर्ष समिति के अध्यक्ष अतर सिंह नेता जी ने की। इस अवसर पर रणबीर चंदीला, रजिंदर चपराना, रघबर भड़ाना सरपंच पाली, जयहिंद नंबरदार, देवेन्द्र भड़ाना पूर्व मेयर, प्रेम कृष्ण आर्य पप्पी, जसबीर जस्सी सरपच, पप्पू सरपंच, ओम भड़ाना पाली, हरिंदर भड़ाना पार्षद, एडवोकेट कन्हैया, राजकुमार भड़ाना, पदम भड़ाना, अजयपाल सरपंच, सरदार उपकार सिंह, अनीशपाल, रोहताश बिधुड़ी, योगेश भड़ाना, सुशील भड़ाना, धरम भड़ाना, प्रेम सिंह ठेकेदार, तल्लू प्रधान, भगवत भड़ाना, चमन भड़ाना, महेंद्र भड़ाना, बाबू भड़ाना, हरि भड़ाना, दयाराम प्रधान, राजेन्द्र नंबरदार, श्री चंद भड़ाना, कालू तंवर अनेक मौजिज लोग उपस्थित थे।

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