Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : एनएसयूआई के उपाध्यक्ष विकास फागना के नेतृत्व में जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए के छात्रों की होने वाली परीक्षाओ को ऑनलाइन माध्यम से करवाने की मांग को लेकर आज दूसरी बार शुक्रवार सेकड़ो छात्रों ने कॉलेज गेट पर अपनी मांगों को पूरा करवाने के लिए प्रदर्शन किया। एनएसयूआई के उपाध्यक्ष विकास फागना ने प्रदर्शन में पहुंचकर छात्रों की आवाज उठाई और समर्थन दिया। यह प्रदर्शन कई घंटो तक चला। छात्रों का प्रदर्शन देख विश्वविद्यालय प्रशासन ने पुलिस को बुलाना पड़ा। उसके बावजूद भी छात्र अपनी को लेकर केम्पस गेट पर अपना प्रदर्शन करते रहे। विकास फागना ने बताया कि जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के अंतर्गत जितने भी कॉलेज है वहा के छात्र असमंजस की स्थिति में है कि परीक्षा ऑनलाइन होगी या ऑफलाइन। क्योकि अभी तक सारी पढ़ाई ऑनलाइन हुई है।
विकास फागना ने कहा कि एनएसयूआई हमेशा से छात्र हित की हर समस्या को उठाती आई है और आगे भी उठाती रहेगी। उन्होंने कहाकि जब कक्षाएं ऑनलाइन हुई,सभी पढ़ाई ऑनलाइन हुई तो ऐसे में अब ऑफलाइन परीक्षाओं का कोई औचित्य नही है। देश के काफी यूनिवर्सिटी ऑनलाइन परीक्षाएं करवा रही है। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय ,दिल्ली विश्वविद्यालय व और भी विश्वविद्यालय ऑनलाइन परीक्षा ले रही है परन्तु जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ऑफलाइन परीक्षाओं पर अड़ियल रवैया अपनाए बैठा है। वाईएमसीए विश्वविद्यालय के छात्रों के साथ भेदभाव क्यों किया जा रहा है। उन्होंने कहाकि जब वाईएमसीए विश्वविद्यालय सुचारु रूप से चालू नही है तो ऑफलाइन परीक्षाएं क्यों। विकास फागना ने कहाकि सभी विश्वविद्यालयों द्वारा ऑनलाइन परिक्षाएं करवाई जा रही है क्योंकि अभी कोरोना खतरा टला नहीं है और छात्रों के हित में ऑनलाइन परीक्षाएं ही बेहतर विकल्प है। गृह मंत्रालय ने भी आनलाइन मोड औफ एजुकेशन को प्रिफ्रेब्ल विकल्प बताया है।इसके साथ ही अभी वैक्सीनेशन भी नहीं हुई तो ऐसे में छात्रों की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित की जा सकती है। प्रदर्शन को देख विश्वविद्यालय के प्रशासन ने विकास फागना के नेतृत्व एक टीम को बुलाया और आश्वासन दिया है कि 29 नवंबर को निर्णय बता दिया जायेगा। इस बात पर विकास फागना ने कहाकि कि अगर निर्णय छात्र के हित में नहीं आया तो वह इसी तरह प्रदर्शन जारी रखेंगे चाहे उन्हें पुलिस प्रशासन उन्हें जेल क्यों भेज दे। इस मौके पर उनके साथ मनीषा सिंह, पीयूष सिंह, मयंक, मोहित, विशाल, सुभाष, दिवांशु, प्रेरणा, लोकेश, अवदेश, केशव, सहिल, अतुल, अंकित, पुनीत, निखिल, विवेक, ऋतिक, तुषार, संदीप, कुशल, हर्ष, आयुष, कपिल, रितेश, विशाल,सागर केशव, नीरज, कृष्णा, नमन, नवीन, प्रीति आदि अन्य छात्र मौजूद थे।