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Faridabad NCR

राष्ट्रीय लोक अदालत में 13 जजों की बेंचो पर लोगों की आपसी सहमति से किया केसो का निपटान

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Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 14 मई। जिला विधिक सेवा विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव कुणाल गर्ग ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत के लिए 13 जजों की बेंच न्यायिक परिसर में बनाई गई है। जहां लोगों की आपसी सहमति से केसो का निपटारा किया गया है। उन्होंने बताया कि आजादी अमृत महोत्सव की श्रृंखला में राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण एवं हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से आज शनिवार को प्रात:10 बजे स्थानीय न्यायिक परिसर में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। लोक अदालत में लंबित मुकदमों के शीघ्र निस्तारण व आपसी सुलह समझौते के लिए स्वयं या अपने अधिवक्ता के माध्यम से अपने केसों का निस्तारण किया गया है।
इनमें ट्रिब्यूनल राजेश कुमार की अदालत में मोटर दुर्घटना के केसों, अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश पंकज की अदालत में भी मोटर दुर्घटना के केसों, अतिरिक्त प्रधान जज संजय कुमार शर्मा की अदालत में फैमिली कोर्ट के केसों, अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश डॉ आशु संजीव की अदालत में लेबर के केसों का निपटान आपसी सहमति से करवाया गया है। एडी सीजीएम हरीश गोयल की अदालत में एमसीएफ, सिविल और क्रिमिनल केस, जुडिशल मैजिस्ट्रेट संजय तुरकिया, जुडिशल मैजिस्ट्रेट देवेंद्र सिंह, जुडिशल मैजिस्ट्रेट कुमारी रूपम, जुडिशल मैजिस्ट्रेट तरुण चौधरी, जुडिशल मैजिस्ट्रेट अमित नेन, जुडिशल मैजिस्ट्रेट कुमारी चावी गोयल की अदालत में ट्रैफिक चालान के केसों का निपटान आपसी समझौते से किया गया है । इसी प्रकार जुटी जुडिशल मैजिस्ट्रेट विशेष गर्ग की अदालत में एन आई एक्ट के केसों और पीएम जेजेबी महेंद्र सिंह की अदालत में सभी केसों का निपटारा लोगों की आपसी सहमति से किया गया है ।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव कुनाल गर्ग ने आगे बताया कि हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण पंचकूला के निर्देशानुसार व जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण वाईएस राठौड़ की अध्यक्षता में आज शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत मेे मोटर दुर्घटना मुआवजा, चैक बाऊस, दीवानी मामले, बिजली के मामले व अन्य मामलो का मोके पर ही निपटारा किया गया। उन्होंने बताया कि लोक अदालत के माध्यम से विचाराधीन विवादों का निपटारा जल्द कराया जा सकता है। लोक अदालत के माध्यम से सुलझाए गए मामलों में आगे कोई अपील/पुनरीक्षण दायर नहीं की जा सकती।
राष्ट्रीय लोक अदालत में केसों का निपटान आपसी सहमति से करवाया जाता है। जिससे समय व धन की बचत होती है।
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