Faridabad NCR
नैनो मटेरियल्स तथा तकनीकों पर दो दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ
Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : 13 मार्च। जे.सी. बोस विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद के भौतिकी विभाग में ‘नैनो सामग्री संश्लेषण और विशेषता तकनीक’ पर दो दिवसीय कार्यशाला का आज शुभारंभ हुआ। कार्यशाला में नैनोटेक्नोलॉजी और उसके अनुप्रयोगों में रूचि रखने वाले काफी संख्या में प्रतिभागी हिस्सा ले रहे है।
कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथि वक्ताओं के स्वागत एवं परिचय से हुआ। सत्र का मुख्य आकर्षण यूनिवर्सिटी ऑफ मैनिटोबा, कनाडा की प्रतिष्ठित वरिष्ठ अनुसंधान विश्लेषक डॉ. सुखविंदर भुल्लर रहीं। डॉ. भुल्लर ने ‘नैनोफाइबर संरचना और बायोमेडिकल अनुप्रयोग’ विषय पर, विशेष रूप से लक्षित डिलीवरी फार्मास्यूटिकल्स और घावों की स्मार्ट ड्रेसिंग, स्टेंट जैसे उभरते क्षेत्रों में अपनी विशेषज्ञता साझा की।
डॉ. भुल्लर ने नैनोमटेरियल्स और इसकी तकनीकों में नवीनतम प्रगति और सफलताओं पर प्रकाश डालते हुए व्यावहारिक प्रस्तुतियां और व्याख्यान प्रस्तुत किया तथा विभिन्न नैनोमटेरियल अनुप्रयोगों से प्रतिभागियों को अवगत करवाया, जिसमें लक्षित दवा वितरण प्रणाली और रोगी देखभाल एवं उपचार परिणामों को बढ़ाने में नवीन चिकित्सा उपकरणों की भूमिका पर विशेष ध्यान दिया गया। डॉ. भुल्लर ने छात्राओं को अपनी जिम्मेदारियों के साथ-साथ शोध को आगे बढ़ाने के लिए भी प्रोत्साहित किया तथा उन्हें विदेशी विश्वविद्यालयों में आवेदन करने के लिए प्रेरित किया। इस दिशा में उन्होंने मार्गदर्शन की पेशकश भी की।
भौतिकी विभाग की अध्यक्ष प्रोफेसर सोनिया बंसल ने बहुविषयक नैनोफाइबर के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि बहुविषयक नैनोफाइबर नैनोस्केल आयामों के साथ बहुमुखी सामग्री बनाने के लिए सामग्री विज्ञान, रसायन विज्ञान और इंजीनियरिंग जैसे विभिन्न क्षेत्रों को एकीकृत करते हैं। नैनोफाइबर की गुणों पर विस्तृत व्याख्यान प्रस्तुत किया तथा विश्वविद्यालय में उपलब्ध अनुसंधान सुविधाओं और अन्य विश्वविद्यालयों के साथ साझेदारी पर भी जानकारी दी।
कार्यशाला का फोकस नैनोमटेरियल्स के संश्लेषण और थर्मल वाष्पीकरण और स्पटरिंग, डिवाइस निर्माण, और ऑप्टिकल, इलेक्ट्रिकल और सतह आकृति विज्ञान लक्षण वर्णन विषयों के प्रदर्शन और व्यावहारिक प्रशिक्षण पर रहा है। विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर डॉ. कौशल कुमार ने सामग्री लक्षण वर्णन तकनीकों के बारे में विस्तार से बताया। दो दिवसीय कार्यशाला का समन्वयन डॉ. अनुज कुमार एवं डॉ. कौशल कुमार द्वारा किया जा रहा हैं।