Connect with us

Faridabad NCR

इंफ्लेमेटरी बॉवेल डिजीज आंतों की बीमारी है : डॉ. बीर सिंह सहरावत

Published

on

Spread the love

Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स फरीदाबाद में गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग के डायरेक्टर एवं एचओडी डॉ. बीर सिंह सहरावत ने बताया कि इंफ्लेमेटरी बॉवेल डिजीज आंतों की बीमारी है। इसके अंदर दो बीमारियां आती हैं-अल्सरेटिव कोलाइटिस और क्रॉन्स डिजीज। अल्सरेटिव कोलाइटिस में बड़ी आंत के छाले हो जाते हैं जिससे मरीजों को बार बार शौच आना, मल के साथ खून आना, पेट में दर्द होना, वजन कम होना, कमजोरी आना आदि समस्याएं होती हैं। क्रॉन्स डिजीज में छोटी और बड़ी दोनों आंत प्रभावित होती हैं। इस बीमारी में मरीज को बार बार पेट में दर्द होना, मल के साथ खून आना, उल्टी होना, वजन में गिरावट होना, कमजोरी आना आदि प्रॉब्लम्स होती हैं। इस बीमारी के रोजाना ओपीडी में 1-2 मरीज आते हैं।

इंफ्लेमेटरी बॉवेल डिजीज उन लोगों में होती है जिनके शरीर में इस बीमारी को बढ़ाने वाले जीन्स पाए जाते हैं। बाहर के खाने के कारण आंतों में इन्फेक्शन की वजह से भी हो जाती है। अधिक मिर्च मसाले और तले भुने खाद्य पदार्थों के सेवन से भी इंफ्लेमेटरी बॉवेल डिजीज के लक्षण बढ़ सकते हैं। इसलिए घर में बने संतुलित आहार लेने की सलाह दी जाती है। बाहर के खाने, अधिक मिर्च मसाले और तले भुने खाद्य पदार्थों के सेवन से परहेज करें। दूषित पानी और फूड से परहेज करें क्योंकि इनका सेवन इस बीमारी को बढ़ा सकता है। अधिक मानसिक तनाव से बचें। ज्यादा लूज मोशन होने पर दूध का सेवन न करें। दही या छाछ ले सकते हैं।

इस बीमारियों का पता करने के लिए ब्लड टेस्ट, पेट का अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन, एंडोस्कोपी या कोलोनोस्कोपी जांच की जाती हैं।

जांच के बाद गैस्ट्रोएंटरोलॉजिस्ट द्वारा दवाएं शुरू की जाती हैं जिससे मरीज ठीक हो जाता है। अक्सर मरीज में खून की कमी देखने को मिलती है जो धीरे धीरे दवाओं से ठीक हो जाती है।

Continue Reading
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Copyright © 2024 | www.hindustanabtak.com