Faridabad NCR
जे.सी.बोस विश्वविद्यालय के मीडिया विद्यार्थियों की ‘रोशनी’ एनजीओ के बच्चों संग प्रेरणादायक मुलाकात
Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : 23 नवंबर। जे.सी.बोस विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद के संचार एवं मीडिया तकनीकी विभाग ने विभागाध्यक्ष डॉ.पवन सिंह के मार्गदर्शन में सैनिक कॉलोनी में कार्यरत ‘रोशनी’ एनजीओ का दौरा किया। रोशनी एनजीओ समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों को शिक्षा प्रदान करता है। इस दौरे का उद्देश्य छात्रों को प्रेरित करने के साथ साथ समाज के प्रति उनकी जिम्मेदारियों का एहसास दिलाना था। यह एक विशेष पहल थी जिसमें एमए जेएमसी द्वितीय वर्ष के छात्रों ने सक्रिय रूप से भाग लिया।
‘रोशनी’ एनजीओ प्रसिद्ध शिक्षाविद एवं डीएवी की पूर्व प्राचार्या सविता भगत द्वारा संचालित है। उनकी मेहनत और संकल्प ने इन बच्चों को न केवल गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी है बल्कि उनके भविष्य को उज्जवल बनाने की दिशा में भी प्रयासरत हैं। इस कार्यक्रम में मीडिया के छात्रों ने बच्चों के साथ संवाद किया और उनके सपनों, आकांक्षाओं और जीवन के लक्ष्यों को समझने का प्रयास किया। उन्होंने अपने मीडिया और पत्रकारिता के अनुभव साझा किए और एनजीओ के छात्रों को इस क्षेत्र में संभावनाओं के बारे में भी बताया। इसके साथ ही छात्रों ने विभिन्न मनोरंजक खेल और ऐसी गतिविधियाँ आयोजित की, जिससे माहौल बेहद जीवंत और आनंदमय हो गया।
डॉ.पवन सिंह ने बच्चों को स्वामी विवेकानंद एवं रवींद्रनाथ टैगोर जैसे महापुरुषों के प्रेरक प्रसंग सुनाए। उन्होंने शिक्षा के महत्व और चरित्र निर्माण पर जोर देते हुए बच्चों को अच्छे इंसान बनने और ऊंचे सपने देखने के लिए प्रेरित किया। उनके विचार बच्चों के दिलों में गहराई तक छा गए और उन्हें मेहनत के साथ अपने सपनों की ओर बढ़ने का हौसला दिया। सविता भगत ने इस कार्यक्रम को लेकर अपनी प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे संवाद बच्चों के लिए अत्यंत प्रेरणादायक होते हैं। उन्होंने रोशनी एनजीओ की स्थापना और शिक्षा के माध्यम से कमजोर वर्ग के बच्चों को सशक्त बनाने की अपनी यात्रा का अनुभव साझा किया। विश्वविद्यालय के मीडिया छात्रों एवं एनजीओ के बच्चों दोनों के लिए एक यादगार अनुभव साबित हुआ। एक ओर जहां छात्रों को सामाजिक जिम्मेदारी निभाने का अवसर मिला, वहीं बच्चों को अपने सपनों को साकार करने की नई ऊर्जा और दिशा मिली। यह दिन सीखने, साझा करने और प्रेरणा का रहा, जिसने समाज के प्रति विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता को और मजबूत किया।