Faridabad NCR
अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुंड हस्तशिल्प मेला-विदेशी हाथों से बनी कार्पेट कारिगरी मोह रही दर्शकों का मन
Faridabad Hindustan ab tak/Dinesh Bhardwaj : 02 अप्रैल। आजादी के अमृत महोत्सव की श्रखला मे अपनी समृद्घ लोक परंपरा व हस्तशिल्प कला से विदेशी कलाकारों और शिल्पकारों ने 35 वें अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुंड हस्तशिल्प मेले को आकर्षण का केंद्र बना दिया है। हर स्टाल पर लगे उत्पाद लोगों का मन मोह रहे हैं। बड़ी चौपाल के पीछे स्टाल 187 के सामने कार्पेट पर हाथो से बनी कारिगरी अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुंड मेले में पर्यटकों का मन मोह रही है।
बडी चौपाल के पीछे लगाई गई हैं यह दुकानें
यूपी के भदोई जिला के मौहम्मद क्लीन व मोहम्ंद माशुंम ने बताया कि वे कालीन पर हथो से बनी कारिगरी के सामान को सूरज कुण्ड मेले में लाए है। इनमें मुख्य रुप वूलन हेन्डी क्राफ्ट कार्पेट, सग्गी कश्मिरी कार्पेट, ईरान कार्पेट, प्योर शिल्क कार्पेट, शिल्क वूल मिक्स कार्पेट,माडरन सहित अन्य कार्पेट मेले में दर्शकों का मन मोह रहे है।
उन्होने बताया कि पीएचडी चैंबर ऑफ कामर्स दिल्ली, हरियाणा पर्यटन विभाग, सूरजकुंड मेला प्राधिकरण और विशेष रूप से एडीसी कम मेला प्रशासनिक अधिकारी सतबीर मान, मेला अधिकारी राजेश जून सहित अन्य अधिकारियो के वो शुक्रगुजार हैं। इंटरनेशनल मीडिया ने भी उनके उत्पाद को मशहूर बनाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी।
आप को बता दे सरकार ने उज्जबेकिस्तान को मेले का पार्टनर तो बनाया ही, साथ में उनकी पूरी टीम को अपना सहयोग दिया है। वे और उनकी टीम के सदस्य यहां आकर प्रसन्न हैं व किसी प्रकार की तकलीफ नहीं है। उन्होने बताया कि भारत सरकार ने उनहोने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मानक पहचान दिलवाई है। उनके सभी डिजाइन को बनाने में पूरी तरह से हाथ की कारीगरी की जाती है। कहीं भी मशीन का इस्तेमाल नहीं होता। मेला परिसर की बड़ी चौपाल के पीछे कारीगर पर्यटकों के सामने ही अपने हाथ से कढ़ाई, कातने की कला का प्रदर्शन कर रहे हैं।
उनके साथ शिल्पकारों, कलाकारों, कर्मचारी व अधिकारियों का दल आया है। इनके पास एक से बढकर एक कारीगरी के नमूने हैं।
उन्होंने बताया कि उनके कारपेट 500 रुपए से लेकर के 75 हजार रुपए की राशि के यहां मेले में बेचे जा रहे हैं और ऑर्डर पर 4 से 5 लाख रुपए तक के कारपेट तैयार किए जाते हैं। इसके अलावा चुने हुए कारपेट अमेरिका, जर्मनी, स्वीट्जरलैंड, जापान, कुवैत, ईरान सहित अन्य देशों में भी निर्यात किए जाते हैं।