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Faridabad NCR

जे.सी. बोस विश्वविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया

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Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : 8 मार्च। जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद के महिला प्रकोष्ठ (आंतरिक शिकायत समिति – आईसीसी) द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं के अमूल्य योगदान और उपलब्धियों को मान्यता देने के लिए अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम में पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ से प्रोफेसर नंदिता शुक्ला सिंह मुख्य अतिथि रहीं। हरियाणा के मुख्यमंत्री के विशेष कार्य अधिकारी (ओएसडी) श्री राज नेहरू, दिल्ली विश्वविद्यालय के दयाल सिंह इवनिंग कॉलेज की प्रिंसिपल प्रोफेसर भावना पांडे और श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय, पलवल की कुलसचिव प्रोफेसर ज्योति राणा कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथियों रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सुशील कुमार तोमर ने की।
कार्यक्रम की शुरुआत पारंपरिक दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई, जिसके बाद प्रो. तोमर ने वैश्विक विषयवस्तु “त्वरित कार्यवाही” (एक्सेलरेट एक्शन) के साथ अपने संबोधन की शुरूआत की। उन्होंने अहिल्याबाई होल्कर और सरोजिनी नायडू जैसी अग्रणी महिलाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि महिलाओं की उपलब्धियों को मान्यता देना महत्वपूर्ण है, लेकिन लैंगिक समानता के लिए निरंतर रूप से आवश्यक कदम उठाना भी जरूरी है।
ंमुख्य अतिथि प्रो. नंदिता शुक्ला सिंह ने सामाजिक मानसिकता में बदलाव के लिए सुरक्षित कार्यस्थल और लिंग-संवेदनशील शिक्षा को बढ़ावा देने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि महिलाओं को सशक्त बनाने का भाव उसे समानता देने से है, अपितु श्रेष्ठ मानने से नहीं। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री राज नेहरू ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति के भीतर शिव और शक्ति का वास होता है, जो जीवन में संतुलन के लिए जरूरी है। उन्होंने कहा कि सशक्तिकरण आत्म-जागरूकता से शुरू होता है। प्रत्येक समस्या का समाधान हमारे भीतर हैं।
अपने संबोधन में प्रो. ज्योति राणा ने कार्य-जीवन संतुलन की तुलना में कार्य-जीवन एकीकरण को महत्वपूर्ण बताया। प्रो. भावना पांडे ने महिलाओं का सामथ्र्य क्षमता भारत की विरासत रही है। उन्होंने कहा कि महिला दिवस एक पश्चिमी अवधारणा है, जबकि हमारे इतिहास ने हमेशा महिलाओं को शक्ति के स्तंभ के रूप में सम्मान दिया है।
इस अवसर पर जे.सी. बोस जर्नल ऑफ इंजीनियरिंग, टेक्नोलॉजी एंड साइंसेज के पहले संस्करण का अनावरण भी किया गया, जिसका प्रकाशन एवं संपादन कार्य विश्वविद्यालय की महिला संकाय द्वारा किया गया है। इस अवसर विभिन्न क्लबों के विद्यार्थियों ने सांस्कृतिक गीत-संगीत एवं नृत्य प्रस्तुतियां दी गई, जिसे दर्शकों द्वारा खूब सराहा गया।
कार्यक्रम का समापन प्रो. संध्या दीक्षित द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिसमें उन्होंने अतिथि वक्ताओं का धन्यवाद किया तथा अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस को सफल बनाने में प्रो. नीलम तुर्क, प्रो. मनीषा गर्ग, प्रो. लखविंदर सिंह, रेणु डागर और आरती सिंह सहित आईसीसी टीम के सदस्यों के समर्पित प्रयासों की सराहना की गई।

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