Faridabad NCR
मस्तिष्क की सेहत को दुरुस्त रखना जरुरी: डॉ. रोहित गुप्ता
Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : 21 जुलाई। ब्रेन हमारे शरीर का सबसे अभिन्न अंग है लेकिन इसे लेकर लोग बहुत लापरवाही बरतते है। भूख से लेकर नींद तक सब कुछ यहीं से कंट्रोल होता है। लापरवाही के कारण लोग ब्रेन ट्यूमर सहित अन्य बीमारियों का शिकार हो रहे है।।इसे लेकर ग्रेटर फरीदाबाद सेक्टर 86 स्थित एकॉर्ड अस्पताल के न्यूरोलाजी डिपार्टमेंट चेयरमैन डॉ. रोहित गुप्ता ने लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी है।
उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर मस्तिष्क से संबंधित रोगों के बढ़ते जोखिम को कम करने और इसकी बीमारियों से बचाव को लेकर लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल 22 जुलाई के वर्ल्ड ब्रेन डे मनाया जाता है।
वरिष्ठ न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. रोहित गुप्ता ने बताया कि
नींद आज के आज के समय में सबसे बड़ी समस्या है। लोग नियमित रूप से पूरी नींद नहीं लेते है। कुछ लोग दिन भर सोते रहते है। उन्होंने कहा कि दिन में अगर सोना है तो एक घंटे से ज्यादा न सोएं। उन्होंने कहा कि
बदली जीवनशैली व अनियमित दिनचर्या से स्ट्रोक के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। अचानक से होने वाली मस्तिष्क की इस समस्या में यदि समय पर इलाज मिल जाता है तो मरीज पूरी तरह स्वस्थ हो सकता है। इलाज में देरी से शरीर विकलांगता का शिकार बन सकता है। उन्होंने कहा कि नई तकनीक मैकेनिकल थ्रोम्बैक्टॉमी से ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों के लिए बेहद कारगर साबित हुई है। इस तकनीक से 24 घंटे के अंदर भी स्ट्रोक के मरीज का इलाज संभव है। डॉ. रोहित गुप्ता ने बताया कि नींद आज के आज के समय में सबसे बड़ी समस्या है। लोग नियमित रूप से पूरी नींद नहीं लेते है। कुछ लोग दिन भर सोते रहते है। उन्होंने कहा कि दिन में अगर सोना है तो एक घंटे से ज्यादा न सोएं। उन्होंने कहा कि ब्रेन ट्यूमर से बचने के प्रमुख उपाय लोगों को अपनाने की जरुरत है। उन्होंने बताया कि ब्रेन ट्यूमर के कुछ लक्षण होते है जैसे सर दर्द होना, उलटी होना, आंखों की रोशनी में कमी आना, दौरे पड़ना, हाथ या पैरों में कमजोरी आना या बोली में लड़खड़ाहट होना। ऐसी स्थिति में हमें तुरन्त डॉक्टर से परामर्श कर उचित जांचे करानी चाहिए ताकि समय रहते ये पता लगा सके कि सिर में किसी तरह की कोई गांठ तो नहीं है।
स्ट्रोक के कारण
ब्लड प्रेशर, शुगर, कोलेस्ट्रोल, मोटापा, वजन को नियंत्रित करना जरूरी है। इनकी स्थित बिगड़ने पर ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।