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Faridabad NCR

जे.सी. बोस विश्वविद्यालय ने हर्षोल्लास से मनाया 55वां स्थापना दिवस

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Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : 16 सितंबर। जे.सी. बोस विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद ने आज 55वां स्थापना दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया और शिक्षकों, कर्मचारियों, विद्यार्थियों तथा पूर्व छात्रों को उनकी विशिष्ट उपलब्धियों पर सम्मानित किया।
उल्लेखनीय है कि जे.सी. बोस विश्वविद्यालय की शुरूआत वर्ष 1969 में एक इंडो-जर्मन डिप्लोमा संस्थान के रूप में हुई थी, जिसे वाईएमसीए इंस्टीट्यूट आफ इंजीनियरिंग के नाम से जाना जाता था। वर्ष 2009 में इस संस्थान को विश्वविद्यालय के रूप में अपग्रेड किया गया। इस प्रकार, विश्वविद्यालय ने एक शिक्षण संस्थान के रूप में अपने 54 वर्ष पूरे कर लिए हैं।
इस अवसर पर हरियाणा राज्य उच्च शिक्षा परिषद (एचएसएचईसी) के उपाध्यक्ष डाॅ. के. सी. शर्मा समारोह के मुख्य अतिथि तथा गुरुग्राम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. दिनेश कुमार विशिष्ट अतिथि रहे। समारोह में शामिल सम्मानित अतिथियों में बोनी पॉलिमर प्राइवेट लिमिटेड के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक और संस्थान के पूर्व छात्र श्री राज भाटिया, विश्व प्रकाश मिशन, फरीदाबाद के चेयरमैन श्री राकेश सेठी और विश्वविद्यालय की एलुमनाई एसोसिएशन के वाईएमसीए माॅब के अध्यक्ष सरदार सुखदेव सिंह उपस्थित रहे। समारोह की अध्यक्षता कुलपति प्रो. सुशील कुमार तोमर ने की।
इस अवसर को चिह्नित करने के लिए विभिन्न छात्र क्लबों द्वारा नृत्य, अभिनय और योग प्रस्तुतियां दी गई, जिसकी सभी ने सराहना की। कार्यक्रम का आयोजन विश्वविद्यालय के छात्र कल्याण प्रकोष्ठ द्वारा डॉ. मुनीष वशिष्ठ एवं डॉ. सोनिया बंसल की देखरेख में किया गया।
अपने संबोधन में कुलपति प्रो. सुशील कुमार तोमर ने कहा कि जे.सी. बोस विश्वविद्यालय का एक शिक्षण संस्थान के रूप में न केवल फरीदाबाद क्षेत्र के औद्योगिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, बल्कि इसके पूर्व छात्रों ने देश के सामाजिक-आर्थिक विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि स्थापना दिवस उपलब्धियों, आत्मनिरीक्षण और भविष्य के लिए योजना बनाने का एक महत्वपूर्ण अवसर होता है। विश्वविद्यालय ने पिछले कुछ वर्षों के दौरान कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की है जिसमें विभिन्न राष्ट्रीय एजेंसियों द्वारा पुरस्कार और मान्यता, शैक्षणिक विकास और ढांचागत विकास शामिल हैं। उन्होंने विश्वविद्यालय के समावेशी विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की।
अपने मुख्य भाषण में डॉ. के.सी. शर्मा ने एक शैक्षणिक संस्थान के रूप में विश्वविद्यालय की गौरवशाली विरासत और उद्यमिता के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रहे इसके पूर्व छात्रों की क्षमताओं की सराहना की। उन्होंने महान वैज्ञानिक सर जेसी बोस के जीवन एवं कार्यों की चर्चा करते हुए छात्रों से कहा कि वे अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित रखें और सदैव अपनी जड़ों से जुड़े रहें। उन्होंने छात्रों से देश के लिए स्वदेशी प्रौद्योगिकी विकसित करने के लिए नवाचार और अनुसंधान पर काम करने का आह्वान किया।
अपने संबोधन में प्रो. दिनेश कुमार ने वाईएमसीए संस्थान की उद्यमशीलता संस्कृति का उल्लेख करते हुए कहा कि उद्यमशील मानसिकता इस संस्थान की विरासत रही है। इस संस्थान के छात्रों ने नौकरी के बजाय उद्यमिता को चुना और आज वे सफल उद्यमी हैं। उन्होंने कहा कि इस उद्यमशील संस्कृति को पुनर्जीवित किया जाना चाहिए क्योंकि इस संस्थान के छात्रों में ऐसी क्षमता है जो इसे अन्य संस्थानों से अलग बनाती है।
श्री राकेश सेठी ने विश्वविद्यालय के साथ अपने जुड़ाव के बारे में चर्चा की और अपने मिशन के तहत संचालित गतिविधियों के बारे में जानकारी दी। श्री राज भाटिया और सरदार सुखदेव सिंह ने संस्थान के साथ अपनी दिलचस्प पुरानी यादें साझा की तथा एलुमनाई एसोसिएशन माॅब द्वारा संचालित गतिविधियों के बारे में बताया।
इससे पहले अतिथियों ने जगदीश चंद्र बोस की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। उन्होंने विश्वविद्यालय के ‘हरियाली पर्व’ अभियान में भी भाग लिया तथा पौधारोपण किया। इस अवसर पर उन्होंने विद्यार्थियों द्वारा प्रदर्शित प्रोजेक्ट प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। समारोह के समापन पर कुलसचिव डाॅ. मेहा शर्मा ने सभी अतिथियों को धन्यवाद ज्ञापित किया।
कार्यक्रम के दौरान, विश्वविद्यालय में संकाय सदस्यों, कर्मचारियों, छात्रों और पूर्व छात्रों के योगदान को मान्यता देते हुए पुरस्कार दिए गए। इनमें हेल्पर अटेंडेंट श्री राजबीर को विश्वविद्यालय में 25 वर्षों की समर्पित सेवाओं के लिए सम्मानित किया गया। इस अवसर पर स्टार एलुमनाई के रूप में सम्मानित प्रतिष्ठित पूर्व छात्रों में आरएस इंफ्राटेक होल्डिंग के चेयरमैन श्री राशिद अली शेख, निर्माण एडवरटाइजिंग के चेयरमैन श्री अरविंदर सिंह नारंग और ट्राई सेंटर फॉर स्टडीज एंड रिसर्च के महानिदेशक श्री अनिल कुमार भारद्वाज शामिल रहे।
उत्कृष्ट वैज्ञानिक कार्यों के लिए स्थापित जे.सी. बोस युवा वैज्ञानिक पुरस्कार गणित विभाग के शोधार्थी दीपक को दिया गया। इसी प्रकार, चार विद्यार्थियों – एमएससी (पर्यावरण विज्ञान) की कोमल, एमएससी (गणित) की अंकिता और पाक्षी तथा पीएचडी (गणित) के पीयूष गुप्ता को यूजीसी-सीएसआईआर द्वारा आयोजित जेआरएफ परीक्षा में उनके प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया गया।
पर्स ग्रांट की समन्वयक टीम के सदस्यों – डॉ. रवि कुमार, डॉ. प्रमोद कुमार, डॉ. सूरज गोयल, डॉ. सोमवीर, डॉ. दीपांश शर्मा, डॉ. श्रुति मित्तल और डॉ. पारुल गुप्ता को उनके समर्पित योगदान के लिए सम्मानित किया गया।
डॉ. सोनिया, डॉ. अमन जोशी, डॉ. अनुज कुमार, डॉ. ओमपाल सिंह, डॉ. योगिता, डॉ. अनुराग प्रकाश, डॉ. बिंदु मंगला, डॉ. अमित राजपूत, डॉ. भावना उत्तम, डॉ. अर्पिता चटर्जी, डॉ. संजीव गोयल, डॉ. सपना तनेजा, डॉ. रजनी सग्गू, डॉ. भावना उत्तम, डॉ. तिलक राज, डॉ. भास्कर नागर और डॉ. पी.एन. बाजपेयी को अनुसंधान और विकास गतिविधियों के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया। जनसम्पर्क अधिकारी जितेन्द्र सिंह यादव को प्रभावी डिजिटल पीआर गतिविधियों के लिए सम्मानित किया गया। जीवन विज्ञान विभाग को सर्वश्रेष्ठ उभरते विभाग के रूप में सम्मानित किया गया।
इसी प्रकार, सांस्कृतिक और तकनीकी गतिविधियों, सामुदायिक सेवाओं, खेल, नवाचार और मीडिया गतिविधियों मेंयोगदान के लिए सात विद्यार्थियों को भी सम्मानित किया गया, जिनमें उमेश कुमार गोला, तुशांत कुमार, देव प्रकाश, विवेक, अंकुर त्रिपाठी और खुशी तायल शामिल हैं।

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