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Faridabad NCR

जे.सी. बोस विश्वविद्यालय ने 57वां स्थापना दिवस उत्साह के साथ मनाया

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Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : 16 सितंबर। जे.सी. बोस विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद ने अपने 57वें स्थापना दिवस को पूरे उत्साह के साथ मनाया, जिसमें छात्रों, संकाय सदस्यों और पूर्व छात्रों की उल्लेखनीय उपलब्धियों को सम्मानित किया गया। वर्ष 1969 में इंडो-जर्मन वाईएमसीए इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग के रूप में स्थापित इस संस्थान को 2009 में विश्वविद्यालय का दर्जा प्राप्त हुआ, जिसने संस्थान के रूप में 56 वर्षों और विश्वविद्यालय के रूप में 16 वर्षों पूरे कर लिए है।
कार्यक्रम में प्रतिष्ठित पूर्व छात्र प्रो. राकेश कुमार मुद्गल, कुलपति, आत्मीय विश्वविद्यालय, राजकोट, और सरदार सुखदेव सिंह, अध्यक्ष, वाईएमसीए एमओबी पूर्व छात्र संघ, उपस्थित थे, जबकि प्रो. राजीव कुमार, कुलगुरु, जे.सी. बोस विश्वविद्यालय, ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। समारोह में 17 शोध पुरस्कार, तीन स्टार पूर्व छात्र पुरस्कार, दो नवाचार पुरस्कार, सामुदायिक सेवा, खेल और सांस्कृतिक/तकनीकी गतिविधियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए छह पुरस्कार, तथा तकनीकी और सांस्कृतिक श्रेणियों में सर्वश्रेष्ठ क्लब पुरस्कार प्रदान किए गए। क्लब समन्वयकों को भी उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया।
समारोह की शुरुआत आचार्य जे.सी. बोस की प्रतिमा पर माल्यार्पण और वृक्षारोपण अभियान के साथ हुई। शकुंतलम हॉल में, छात्र क्लबों द्वारा नवाचारी परियोजनाओं का प्रदर्शन किया गया। इस उपलक्ष में एक वृत्तचित्र के माध्यम से विश्वविद्यालय अकादमिक यात्रा और  उन्नत सुविधाओं को दर्शाया गया।
आत्मीय विश्वविद्यालय, राजकोट के कुलपति प्रो. राकेश कुमार मुद्गल ने अपने संबोधन में कहा कि किसी शैक्षणिक संस्थान की आत्मा उसका शिक्षण है, जबकि भौतिक संरचना उसका शरीर है। उन्होंने फरीदाबाद के औद्योगिक विकास में विश्वविद्यालय की ऐतिहासिक भूमिका की सराहना की और इसकी गौरवशाली विरासत को पुनर्जनन करने का आह्वान किया ताकि इसे देश का शीर्ष संस्थान बनाया जा सके।
वाईएमसीए मॉब के अध्यक्ष सरदार सुखदेव सिंह  ने फरीदाबाद के औद्योगिक केंद्र में मैकेनिकल इंजीनियरिंग के प्रतीक के रूप में संस्थान की यात्रा पर प्रकाश डाला। उन्होंने 10,000 से अधिक पूर्व छात्रों के योगदान को रेखांकित किया, जिनमें से अधिकांश विनिर्माण क्षेत्र में नेतृत्वकारी भूमिकाओं में हैं, और जे.सी. बोस टेक्नोलॉजी बिजनेस इनक्यूबेटर, जयंती गेट, छात्रवृत्ति, और प्लेसमेंट प्रयासों में एसोसिएशन के योगदानों को विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि छात्र शिक्षकों का सम्मान करें। साथ ही, आर्थिक कारणों से फीस न दे पाने वाले छात्रों को उन्होंने आश्वासन दिया कि वे फीस की  चिंता न करें और पढ़ाई पर ध्यान दें। एसोसिएशन आपको सहयोग करेगी।
प्रो. राजीव कुमार, कुलपति, ने प्रेरणादायक संबोधन में वाईएमसीए मॉब की विश्वविद्यालय के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका की सराहना की। उन्होंने फरीदाबाद के पहले तकनीकी संस्थान के रूप में वाईएमसीए की अग्रणी स्थिति और इसके पूर्व छात्रों द्वारा भारत के विनिर्माण क्षेत्र को आकार देने में भूमिका पर प्रकाश डाला। प्रो. कुमार ने छात्र संघ वाईएमसीए मॉब से अनुरोध किया कि छात्र संघ विश्वविद्यालय में अपने किसी एक प्रतिष्ठित पूर्व छात्र के नाम पर लड़कों का छात्रावास बनाने में सहयोग दें। उन्होंने कहा कि वैश्विक सहयोग के लिए विश्वविद्यालय छात्र संघ के विदेशी चैप्टर के साथ जुड़कर काम करने की योजना रखता है। उन्होंने अगले चक्र में नैक ‘ए प्लस प्लस’ मान्यता प्राप्त करने और अनुसंधान व बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए केंद्रीय अनुदान प्राप्त करने की अपनी आकांक्षाओं को भी साझा किया।
कार्यक्रम में छात्र क्लबों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक प्रदर्शन ने सभी का मन मोह लिया। छात्र कल्याण डीन के कार्यालय द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम का समापन संकाय, पूर्व छात्रों और छात्रों को सम्मानित करने वाले प्रशंसा पुरस्कार समारोह के साथ हुआ, जिसके बाद कुलसचिव प्रो. अजय रँगा द्वारा हार्दिक धन्यवाद प्रस्ताव रखा गया और राष्ट्रगान हुआ।

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