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Faridabad NCR

जे.सी. बोस विश्वविद्यालय ने नये विद्यार्थियों के लिए पौधारोपण को अनिवार्य किया

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Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : 5 अगस्त। जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद ने पहल करते हुए नये विद्यार्थियों के लिए शैक्षणिक पाठ्यक्रम के दौरान कम से कम पांच पौधे पेड़ लगाने तथा उनकी देखभाल को अनिवार्य किया है। इस प्रक्रिया को कारगर बनाने के लिए विश्वविद्यालय ने अपने पोर्टल पर प्रावधान किया है, जहां विद्यार्थी अपने पौधारोपण के प्रमाण प्रस्तुत कर सकते हैं। इस पहल का उद्देश्य पर्यावरण जागरूकता को बढ़ावा देना तथा परिसर एवं आसपास के क्षेत्रों को हरा-भरा बनाने में योगदान देना है।
यह जानकारी कुलपति प्रो. सुशील कुमार तोमर ने ‘हरियाली पर्व’ के तीसरे संस्करण के तहत चल रहे पौधारोपण अभियान के दौरान दी। कार्यक्रम में हरियाणा राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती रेणु भाटिया मुख्य अतिथि रही। ‘हरियाली पर्व’ विश्वविद्यालय द्वारा प्रतिवर्ष जुलाई एवं अगस्त माह में मनाया जाता है। इस सार्थक अभियान के तहत विभिन्न क्षेत्रों से गणमान्य व्यक्तियों को पौधारोपण के लिए आमंत्रित किया जाता है। कुलपति प्रो. तोमर ने श्रीमती भाटिया को पौधा भेंट कर उनका स्वागत किया। श्रीमती भाटिया ने विश्वविद्यालय के मुख्य मैदान में नीम और गिलोय का पौधा भी लगाया। इस अवसर पर छात्र कल्याण के डीन प्रो. मुनीश वशिष्ठ, डिप्टी डीन प्रो. सोनिया बंसल के अलावा पौधारोपण समिति के सभी सदस्य उपस्थित थे।
विश्वविद्यालय द्वारा की गई पहल की जानकारी देते हुए कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय में नए छात्रों को कम से कम पांच पेड़ लगाने और अपने पूरे शैक्षणिक कार्यकाल के दौरान उनकी देखभाल करने की आवश्यकता होती है। यह कार्यक्रम विश्वविद्यालय के ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से सुगम बनाया गया है, जिसमें पर्यावरण विज्ञान विभाग पौधारोपण की प्रगति की निगरानी करेगा। छात्रों को अपने द्वारा लगाये गये पौधों की वृद्धि के साक्ष्य के रूप में जियो-टैग की गई तस्वीरों सहित एक रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी, और डिग्री प्रदान करने पर इसका सत्यापन किया जाएगा। इस पहल का उद्देश्य छात्रों में पर्यावरण संरक्षण के प्रति जिम्मेदारी की भावना पैदा करना है। कुलपति प्रो. तोमर ने प्रदूषण के विभिन्न खतरों और तेजी से शहरीकरण के कारण होने वाले पर्यावरणीय क्षरण से रोकथाम के लिए पौधारोपण को एक प्रभावशाली समाधान बताया। उन्होंने कहा कि पर्यावरण का पोषण एवं संरक्षण हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्रीमती रेणु भाटिया ने पर्यावरण संरक्षण के प्रति छात्रों में जिम्मेदारी की भावना पैदा करने के लिए विश्वविद्यालय के प्रयास की सराहना की। उन्होंने छात्रों के साथ अपने अनुभव भी साझा किए और उन्हें प्रकृति और पर्यावरण के संरक्षण में सक्रिय रूप से शामिल होने के लिए प्रेरित किया।

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