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जे.सी. बोस विश्वविद्यालय में यौन उत्पीड़न को लेकर जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रतियोगिता का आयोजन किया

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Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : 15 दिसंबर। जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद के महिला कल्याण प्रकोष्ठ के अंतर्गत आंतरिक शिकायत समिति (आईसीसी) द्वारा आज बालिका छात्रावास में ’कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न’ विषय पर स्लोगन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
इस आयोजन का उद्देश्य सुरक्षित और सम्मानजनक कार्य वातावरण बनाने के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना, प्रतिभागियों को रचनात्मक स्लोगन के माध्यम से यौन उत्पीड़न पर अपने विचार व्यक्त करने के लिए प्रोत्साहित करना और कार्यस्थल के भीतर सहानुभूति, सम्मान और लैंगिक संवेदनशीलता की संस्कृति को बढ़ावा देना है।
प्रतियोगिता विश्वविद्यालय के बालिका छात्रावास की सभी लड़कियों के लिए ओपन थी, और भागीदारी स्वैच्छिक थी। प्रतियोगिता में स्लोगन को संक्षिप्त, प्रभावशाली और उत्पीड़न-मुक्त कार्यस्थल को बढ़ावा देने की थीम के अनुरूप बनाने की आवश्यकता पर बल दिया गया है। प्रतियोगिता को लेकन छात्राओं की बेहतरीन प्रतिक्रिया रही।
निर्णायक पैनल के सदस्यों प्रोफेसर नीलम तुर्क (अध्यक्ष, आईसीसी), डॉ. काकोली दत्त (हॉस्टल वार्डन), डॉ. श्रुति गुप्ता (हॉस्टल वार्डन), डॉ. कल्पना श्योकंद (सहायक प्रोफेसर), रेनू डागर ( विधि अधिकारी) और आरती सिंह (अधीक्षक) ने प्रतियोगिता का मानदंडों के आधार पर मूल्यांकन किया तथा पांच विजेताओं का चयन किया गया। विजेताओं को प्रशंसा प्रमाण पत्र एवं नकद पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। पहले तीन विजेताओं को क्रमशः 1000 रुपये, 750 रुपये, 500 रुपये की नकद राशि से सम्मानित किया गया और जागरूकता अभियान को आगे बढ़ाने के लिए उनके स्लोगन कार्यस्थल पर प्रदर्शित किए जाएंगे।
इस अवसर पर बोलते हुए आईसीसी की अध्यक्ष प्रोफेसर नीलम तुर्क ने परिसर में महिलाओं के लिए एक सुरक्षित और सहायक वातावरण बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने महिलाओं के अधिकारों को लेकर विश्वविद्यालय को संवेदनशील बनाने और यह सुनिश्चित करने के महत्व पर भी जोर दिया कि लिंग आधारित भेदभाव या उत्पीड़न की किसी भी घटना से तुरंत और प्रभावी ढंग से निपटा जाए।

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