Faridabad NCR
जे.सी.बोस विश्वविद्यालय के विद्यार्थी साहिल कौशिक ने लहराया प्रतिभा का परचम
Faridabad Hindustanabtak.com/Dinesh Bhardwaj : 10 नवंबर। जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद का कोहिनूर स्काई फिर चमका उठा। मीडिया विभाग में पत्रकारिता के अंतिम वर्ष को विद्यार्थी साहिल कौशिक ने अपनी प्रतिभा का परचम लहराया है। साहिल ने नई दिल्ली में राष्ट्रीय स्तरीय युवा सम्मेलन में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर गीता शक्ति अवार्ड से सम्मानित किया। गीता यूथ समिट-2025 की भाषण प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार जीत कर विश्वविद्यालय एवं मीडिया विभाग का नाम रोशन किया है। इस उपलब्धि पर कुलगुरु प्रो.राजीव कुमार और विभागाध्यक्ष प्रो. पवन सिंह ने साहिल कौशिक को बधाई देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दी हैं।
मीडिया विभागाध्यक्ष प्रो.पवन सिंह ने साहिल कौशिक के अवार्ड एवं सर्टिफिकेट को देखकर प्रसन्नता व्यक्त की और कहा कि जीवन में कभी रुकना नहीं, हमेशा प्रयासरत रहो। एक लक्ष्य की सफलता के उपरांत दूसरे के लिए शुरुआत कर दो। हमेशा कुछ नया और अलग करने की सोच रखो। सफलता मिले या न मिले लेकिन उसके लिए किए गए प्रयास में तुम्हारी मेहनत दिखनी चाहिए।
नई दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में आयोजित यूथ गीता समिट-2025 में फरीदाबाद के जे.सी.बोस यूनिवर्सिटी वाईएमसीए के पत्रकारिता में स्नातकोत्तर अंतिम वर्ष के विद्यार्थी साहिल कौशिक को राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त करने पर गीता शक्ति अवार्ड से सम्मानित किया गया। यह आयोजन देशभर से आए युवा वक्ताओं, विद्वानों और आचार्यों की उपस्थिति में संपन्न हुआ। इस मंच पर साहिल कौशिक ने ‘भगवद् गीता के जीवन मूल्यों को आधुनिक युग से जोड़ने’ पर अपने विचार प्रस्तुत किए, जिसे निर्णायक मंडल ने सर्वश्रेष्ठ वक्तव्य के रूप में चुना।
इस अवसर पर विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति, शिक्षाविद तथा माननीय अतिथियों की उपस्थिति रही। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल ने युवाओं को गीता के संदेशों को जीवन में अपनाने का आह्वान किया।
अपने अनुभव को साझा करते हुए साहिल कौशिक ने कहा कि यह मेरे लिए एक अत्यंत प्रेरणादायक अनुभव रहा। भगवद् गीता के जीवन मूल्यों को आज के युग से जोड़ते हुए बोलना मेरे लिए सीख और साधना, दोनों का अनुभव रहा। यह सम्मान न केवल जे.सी. बोस यूनिवर्सिटी बल्कि हरियाणा राज्य के लिए भी गर्व का विषय है।
